स्वतंत्रता दिवस पर अंधेरे में डूबे रहे 300 गांव, मुख्यालय पर 13 घंटे गुल रही बिजली
जागरण टीम, बलरामपुर : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश को बिजली कटौती से मुक्त रखने का निर्देश जिले में हवाई साबित हुआ। 15 अगस्त को जिला मुख्यालय से लेकर गांवों तक की बिजली आपूर्ति बंद रही। बलरामपुर नगर में सिविल लाइन फीडर पर 13 घंटे बिजली गुल रही। तुलसीपुर तहसील के 300 गांवों में 72 घंटे से बिजली गुल है। बिजली विभाग के अधिकारी हवा तेज चलने को कारण बता कर उपभोक्ताओं को टरकाते रहे।
हरियाली पर आरी मगर कटौती जारी : बिजली उपकेंद्र टाउन के अधीन निर्बाध बिजली आपूर्ति के नाम पर शहर भर में हरियाली पर खूब आरी चलाई गई। पेड़ की टहनियों की छटान के नाम पर कटान तो की गई, लेकिन जर्जर व पुराने तार लोकल फाल्ट का सबब बने हुए हैं। 15 अगस्त को तेज हवाएं चलते ही ढीले तार दगा दे गए। नतीजा, सिविल लाइंस में सुबह से शाम तक बिजली गुल रही। इसी तरह शहर से सटे धुसाह में जीसस एंड मैरी स्कूल के पास हवा चलने से तार लटक गए। स्थानीय लोगों ने बिजलीघर में फोन करके सूचना दी, लेकिन कोई झांकने तक नहीं आया। दूसरी तरफ गौरा चौराहा, कौवापुर, हरिहरगंज, स्टीम पावर हाउस उपकेंद्रों के अधीन गांवों में लगातार बिजली कटौती जारी रही।
एक सप्ताह में सिर्फ 10 घंटे मिली बिजली :
तुलसीपुर : एक हफ्ते में दूसरी बार 14 अगस्त की रात से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप है। 300 गांवों के लोग 72 घंटे से बिजली को तरस रहे हैं। एक सप्ताह में यहां के ग्रामीणों को मात्र 10 घंटे बिजली ही नसीब हो पाई है। 31 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं की वजह से समूचे क्षेत्र की बिजली व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। नगर में भी करीब छह घंटे आपूर्ति बाधित रही। बिजली कर्मचारियों ने बताया कि भैंसहवा गांव के पास 33 केवीए बिजली का तार टूट जाने से बिजली ठप है। पूरी रात वहां बिजली के तार को नहीं सही किया गया मंगलवार सुबह जब बिजली का तार ठीक कर आपूर्ति शुरू की गई, तो उपकेंद्र के ट्रांसफार्मर में आग लग गई। हर्रैया कोइलाबास, गैसड़ी, विश्वबैंक बलरामपुर व जहांदरिया फीडर से जुड़े सभी गांवों की आपूर्ति तीन दिन से ठप है। ग्रामीण बिजली अव्यवस्था से आजिज हो चुके हैं। गांव में बिजली की अव्यवस्था से ग्रामीणों में आक्रोश है।
एसडीओ अवधेश पटेल ने बताया कि जल्दी ही सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। तेज हवा चलने के कारण जगह-जगह बिजली के तार टूट गए थे, जिन्हें दुरुस्त किया जा रहा है।