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मनरेगा श्रमिकों का सवा करोड़ बकाया

25262 जॉब कार्ड धारकों को नहीं मिला मेहनताना 771 गांवों में काम चलने का दावा

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 10:13 PM (IST)
मनरेगा श्रमिकों का सवा करोड़ बकाया
मनरेगा श्रमिकों का सवा करोड़ बकाया

बलरामपुर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्य करने वाले 25262 जॉब कार्ड धारकों को मजदूरी नहीं मिली है। दो फरवरी से श्रमिक बैंक का चक्कर लगा रहे हैं। वहीं, अफसर बैंकों का विलय व शासन से धनराशि न भेजने को कारण बताकर टरका रहे हैं। 771 गांवों में कार्य चल रहा है।

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यहां 800 ग्राम पंचायतें हैं। इसमें दो लाख 42 हजार जॉब कार्ड धारक हैं। एक लाख 45 हजार सक्रिय हैं। अब तक 58 हजार मानव दिवस सृजित कर एक लाख 72 हजार श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। सौ दिन का रोजगार 7852 लोगों को देने का दावा किया जा रहा है। प्रधान का कार्यकाल समाप्त होने के बाद गांवों में विकास कार्यो की रफ्तार थोड़ी सुस्त पड़ी है। वर्तमान में संपर्क मार्ग, पंचायत भवन, प्रधानमंत्री आवास व शौचालय निर्माण में मनरेगा श्रमिक लगे हैं। हरैया सतघरवा ब्लॉक के बजरडीह गांव में नाला सफाई का कार्य कराया जा रहा है।

समय से नहीं मिलती मजदूरी :

- श्रमिक कृष्ण बिहारी, भगवती, रोशन लाल, छठीराम, सीताराम, राम जीवन, ननकुन, जोगी व राजकुमार का कहना है कि 201 रुपये मजदूरी मिलती है। काम करने के बाद महीनों दौड़ना पड़ता है। ऐसे में, परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। समय से मजदूरी न मिलने से ही जॉब कार्ड धारक मजबूरी में काम की तलाश में शहर जाते हैं। गांव में रोजगार का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है।

शीघ्र भुगतान की उम्मीद :

- श्रम उपायुक्त महेंद्र देव का कहना है कि श्रमिकों के खाते में सीधे धनराशि शासन से ही भेज दी जाती है। वर्तमान समय में बैंकों के विलय के कारण भी कुछ दिक्कत है। ग्राम पंचायतों से रिपोर्ट मांगी गई है। शीघ्र भुगतान होने की उम्मीद है।


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