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एनएच-31 बदरंग, धूल के गुबार से घुट रहा दम

लवकुश सिंह बलिया बलिया से मांझी घाट तक के एनएच-31 की मरम्मत को लेकर लगभग तीन साल से लोग

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 04:13 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 04:13 PM (IST)
एनएच-31 बदरंग, धूल के गुबार से घुट रहा दम

लवकुश सिंह

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बलिया : बलिया से मांझी घाट तक के एनएच-31 की मरम्मत को लेकर लगभग तीन साल से लोग परेशान हैं। सड़क की मरम्मत के लिए रह-रह कर आंदोलन भी होते रहते हैं। इसकी मरम्मत के लिए सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने भी लंबा प्रयास किया। दिल्ली तक यहां की समस्याओं को मजबूती से उठाया। इसके बाद एनएचआइ विभाग में कुछ तेजी आई और गाजीपुर से मांझी घाट तक लगभग 130 किमी के मरम्मत कार्य का टेंडर जून 2020 में किया गया। इसके बाद भी संबंधित फर्म की ओर से मरम्मत कार्य में कोई तेजी नहीं है।

बैरिया से मांझी घाट तक सड़क को दो माह से उखाड़कर छोड़ दिए जाने से सड़क पर इतनी धूल उड़ रही है कि उससे लोगों का दम घुट रहा है। दुर्घटनाएं भी हर दिन हो रही हैं। यह उखड़ी सड़क एक तरह से बलिया की पहचान बन गई है। इलाके के लोग बताते हैं कि आज तक यह सड़क इतनी बदहाल कभी नहीं रही। जब से यह सड़क एनएचएआइ के जिम्मे हुई है, तभी से इसकी दशा और बिगड़ती चली गई। टेंडर होने के बाद भी मरम्मत कार्य में लगातार विलंब किया जा रहा है।

--एनएचएआइ को 2012 में हस्तानांतरित हुई यह सड़क

यह राष्ट्रीय राज मार्ग किमी 405.030 किमी 535.300 गाजीपुर से मांझी घाट लगभग 130 किमी को 9 दिसंबर 2012 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपा गया। वर्ष 2018 से पहले यह एनएच एनएचएआइ वाराणसी के जिम्मे था। वाराणसी ने मई 2018 में उक्त खंड को आजमगढ़ को हस्तानांतरित किया। --मेमर्स कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर के जिम्मे है यह कार्य

एनएचएआइ की आख्या के अनुसार एनएच 31 के किमी 405.300 गाजीपुर से किमी 535.300 मांझी घाट बलिया तक के संपूर्ण भाग के रखरखाव और मरम्मत के लिए ममर्स कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर भाराराप्रा मुख्यालय दिल्ली में हस्तानांतरित किया गया है। सक्षम अधिकारी ने कार्य हेतु स्वीकृति 15 जून 2020 को दी है। इस कार्य की अवधि एक साल है। कार्य की स्वीकृति मिलने के बाद 5 माह यूं ही गुजर गए। अभी भी कार्य में कोई तेजी नहीं दिख रही है। --चार हजार ट्रकों का होता परिचालन

बलिया से मांझी घाट वाले इस रूट पर अन्य वाहनों के अलावा 4000 ट्रकों का परिचालन हर दिन होता है। मांझी घाट के बाद बिहार की सीमा शुरू हो जाती है। इसके अलावा छोटे, बड़े सैकड़ों वाहनों की लाइन भी देर रात तक लगी रहती है। इस सड़क की दशा को लेकर बलिया के जनप्रतिनिधियों पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। फिर भी विभाग व संबंधित फर्म की सुस्ती कम होते नहीं दिख रही है। एनएच-31 के किमी 405.300 गाजीपुर से किमी 535.300 मांझी घाट तक का कार्य जल्द हो सके इसके लिए संबंधित फर्म को कहा गया है। मरम्मत कार्य गाजीपुर और बलिया के मांझी घाट दोनों तरफ से शुरू होने जा रहा है। बहुत जल्द लोगों को राहत मिल जाएगी।

योगेंद्र प्रताप सिंह,

तकनीकी प्रबंधक, एनएचएआइ


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