वैचारिक संक्राति के युग में विवेकानंद के विचार प्रासंगिक
स्वामी विवेकानंद की 157वीं जयंती पर जेएनसी विश्वविद्यालय के डॉ. हजारी प्रसाद अकादमी भवन में एक गोष्ठी आयोजित की गई। कुलपति प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
जागरण संवाददाता, बलिया: बलिया : स्वामी विवेकानंद की 157वीं जयंती पर जेएनसी विश्वविद्यालय के डॉ. हजारी प्रसाद अकादमी भवन में एक गोष्ठी आयोजित की गई। कुलपति प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके दार्शनिक दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा करते हुए वर्तमान परिदृश्य में उसकी उपादेयता को प्रमाणित किया। डॉ. प्रमोद शंकर पांडेय ने उनके अद्वैत दर्शन पर प्रकाश डाला। मां फूला देवी कन्या महाविद्यालय तिलौली बघुडी सिकंदरपुर की एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत व भाषण प्रस्तुत किया। एनएसएस के समन्वयक डॉ. साहब दुबे ने स्वामी विवेकानंद के विचारों एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के कर्तव्यों का उल्लेख करत हुए कहा कि धार्मिक, आर्थिक,सामाजिक व सांस्कृति विकास के लिए भारतीय मनिषियों के विचार आज भी प्रासंगिक है। इस दौरान एनएसएस की विशिष्ट उपलब्लियों पर कुलपित प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने डॉ. साहेब दुबे को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस मौके पर अतुल कुमार, नेहा विशेन, सुरेंद्र, अतुल, डॉ. नितेश उपाध्याय मौजूद थे।
उधर राष्ट्रीय एकता मंच के तत्वावधान में टीडी कालेज के मनोरंजन हाल में विवेकानंद जयंती पर वर्तमान राष्ट्रीय परि²श्य और विवेकानंद विषयक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि जेएनसी के कुलपति प्रो. योगेंद्र सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के अनुसार आत्मा से बेहतर शिक्षक कोई नहीं है। आत्मचेतना के आधार पर ही हम आध्यात्मिक सुविचारों को अपनाकर राष्ट्र को सुंदर बना सकते है। डा. निर्मल पांडेय ने कहा कि युवाओं को विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है। प्रो. ज्ञानप्रकाश मिश्र ने विवेकानंद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सनातन संस्कृति के संरक्षक रहे इस पुरोधा के विचार राष्ट्रीय उत्थान के लिए आज भी समीचीन है। इस मौके पर डा. अरविद कुमार सिंह, मेजर दिनेश सिंह, करुणानिधि तिवारी, पं. राजकुमार मिश्र, आशीष वर्मा आदि मौजूद थे। संचालन अरविद शुक्ल ने किया।
इसी क्रम में एसएमएमटीडी कालेज के राजेंद्र प्रसाद सभागार में विवेकानंद की जयंती मनाई गई। शुभारंभ प्राचार्य डा. दिलीप कुमार श्रीवास्व ने किया। डा. अनिल कुमार ने कहा कि मानवता की पूजा वास्तव में ईश्वर की पूजा है। डा. अशोक सिंह ने कहा कि युवाओं को अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान होना होगा। डा. बृजेश कुमार सिंह ने कहा कि युवा अपने ऊर्जा को संजोकर अच्छे कर्म कर सकते हैं। इस मौके पर डा. संजीत कुमार सिंह, डा. अनिल कुमार, डा. विवेक सिंह आदि मौजूद थे।
वहीं नेहरू युवा केंद्र व कुंवर सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय के एनएसएस इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय युवा दिवस सप्ताह कार्यक्रम की शुरूआत की गई। डा. जयगणेश चौबे ने विवेकानंद को युग पुरुष बताया। कहा कि उनके विचारों को आत्मसात कर हम वैभवशाली भारत का नवनिर्माण कर सकते है। इस मौके पर महिला कल्याण अधिकारी पूजा सिंह, हिमांशु पांडेय, शलभ उपाध्याय, अभिषेक राय, राजीव, हरिशंकर सिंह, अमित, गुप्तेश्वर प्रसाद, गुलशन, शालू सिंह, नंदिनी, अरविद आदि मौजूद थे। संचालन आशीष सिंह व आभार नवीन सिंह ने व्यक्त किया।
इनसेट
अद्वैतवाद पर डाला प्रकाश
शिक्षा शक्ति सहयोग संस्थान की ओर से टाउन हाल (बापू भवन) में कार्यक्रम आयोजित कर विवेकानंद जयंती मनाई गई। वनिका अग्रवाल ने लोगों को योग की शिक्षा दी। सचिव विवेक कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चात सिलाई व ब्यूटीशियन कोर्स कर चुकी महिलाओं को प्रमाणपत्र दिया गया। इस मौके पर अंकुश सिंह अजय वर्मा, दीक्षा सिंह, अरुण दूबे, दिव्यांजलि साहनी, अनिल द्विवेदी, अनिल श्रीवास्तव, राजकुमार गुप्त आदि मौजूद थे।
वहीं शक्तिस्थल स्कूल चंद्रशेखर नगर में स्वामी विवेकानंद जयंती मनाई गई। प्रबंधक दुर्गादत्त त्रिपाठी ने श्रद्धासुमन अर्पित किया। प्रधानाचार्य आशुतोष त्रिपाठी ने विवेकानंद को कर्मयोगी बताया। इस मौके पर रामजी त्रिपाठी, साकेत त्रिपाठी, संगम, चंद्रलता चतुर्वेदी, ओमप्रकाश ठाकुर मौजूद थे।
उधर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से दयालू बाबा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तिखमपुर में जयंती मनाई गई। डा. दयालशरण वर्मा ने युवाओं उनके आदर्शों पर चलने की सलाहदी। इस मौके पर हिमांशु श्रीवास्तव, ओमप्रकाश यादव, सुशीला श्रीवास्तव, आकाश श्रीवास्तव, नित्याबचन राम आदि मौजूद थे।
इसीक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर स्वामी विवेकानन्द जंयती जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय की अध्यक्षता में मनायी गई। वक्ताओं ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर राघवेन्द्र प्रताप सिंह, ओमप्रकाश तिवारी, भैया लल्लू सिंह, सागर सिंह राहुल, जैनेन्द्र पाण्डेय मिटू, उमाशंकर पाठक, फुलबदन तिवारी, अरूण श्रीवास्तव, उषा सिंह, सुनील सिंह मौजूद थे। संचालन सत्यप्रकाश उपाध्याय मुन्ना ने किया।
वहीं अखिल भारतीय विकास संस्कृति साहित्य परिषद की ओर से आनंद नगर में जयंती मनाई गई। सुदेश्वर अनाम ने उनके अद्वैतवाद पर प्रकाश डाला। डा. फतेहचंद बेचैन ने उन्हें राष्ट्रीय धरोहर करार दिया। इस मौके पर डा.आदित्य कुमार अंशु, डा. संतोष कुमार गुप्त, नवचंद तिवारी, डा. सुनील कुमार ओझा, डा. दिनेश ठाकुर मौजूद थे।
वहीं सरस्वती शिशु मंदिर आनंदनगर में पूर्व छात्र परिषद द्वारा विवेकानंद जयंती मनाई गई। इसमें नेहा, अतुलित, रागिनी सिंह, रानी वर्मा, सृष्टि वर्मा आदि ने अपना विचार रखा। आरएसएस के विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश ने उनके आदर्शों को अपनाने पर बल दिया। इस मौके पर राघवेंद्र नारायण सिंह, ओमप्रकाश तिवारी, सत्यजीत पांडेय, राधेश्याम पांडेय आदि मौजूद थे। अध्यक्षता डा. विनय कुमार सिंह व संचालन शिखा सिंह व कात्यायनी पांडेय ने किया।