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गांव व मोहल्ला निगरानी समितियां निष्क्रिय

पिछले कोरोना काल में हर कोई मदद के लिए आगे आता था। प्रशासनिक

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 06:04 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 06:04 PM (IST)
गांव व मोहल्ला निगरानी समितियां निष्क्रिय
गांव व मोहल्ला निगरानी समितियां निष्क्रिय

जागरण संवाददाता, बलिया: पिछले कोरोना काल में हर कोई मदद के लिए आगे आता था। प्रशासनिक अमला भी संगठनों से सहयोग लेकर मोहल्ला व गांव तक मदद पहुंचाया। इसके लिए मोहल्ला व गांव समितियों का भी गठन किया गया था। इस कोरोना लहर में यह निगरानी समितियां निष्क्रिय हैं।

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नगरा : कोरोना काल में पिछले साल लाकडाउन के समय गांवों में गठित निगरानी समितियां निष्क्रिय हैं। इन समितियों का गठन बाहर से आने वाले लोगों के संबंध में सूचनाओं का आदान-प्रदान करने, गांवों में सर्वे कार्य आदि के लिए किया गया था। समितियों में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सचिवों को शामिल किया गया था। हर गांवों में पंद्रहवें वित्त से लाखों रुपये खर्च कर दवाओं के छिड़काव हेतु स्प्रे मशीन, आक्सीमीटर व स्कैनर खरीदा गया था। स्थिति यह है, जहां कोरोना की दूसरी लहर भयावह हो चुकी, वहीं गांवों में न तो दवाओं का छिड़काव ही हो रहा है न ही आक्सीमीटर व स्कैनर का उपयोग ही कहीं दिखाई दे रहा है। कोरोना काल में गांवों में खरीदी गई स्प्रे मशीन, आक्सीमीटर व स्कैनर या तो निवर्तमान प्रधानों के घर की शोभा बढ़ा रहे हैं या फिर उन मशीनों का कहीं अता पता नहीं है। निगरानी समितियों का हाल यह है कि बाहर से आने वाला व्यक्ति चुपके से गांव स्तर पर ही अपना इलाज करा रहा है।

प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. टीएन यादव ने कहा कि गांव स्तर गठित निगरानी समितियों को सक्रिय किया जा रहा है।


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