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दोषियों को फांसी से ही निर्भया के साथ सच्चा न्याय

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By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 09:19 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 11:27 PM (IST)
दोषियों को फांसी से ही निर्भया के साथ सच्चा न्याय

जागरण संवाददाता, बलिया : निर्भया के दरिदों को फांसी देने के फैसले का हर किसी ने स्वागत किया है। फांसी का फरमान कई बार टलने के बाद गुरुवार को एक बार फिर कोर्ट का फैसला आते ही पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई। निर्भया के गांव में सभी को इस घड़ी का इंतजार था।

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इस बहुचर्चित घटना के चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका देने का कोर्ट ने आदेश दिया है। गांव की युवतियों ने कहा कि देर से ही सही लेकिन न्याय मिला है। हमें कानून पर पूरा भरोसा था। अब उसकी आत्मा को सुकून मिलेगा। कोर्ट के आदेश के बाद निर्भया के गांव तथा शहर के गुरुद्वारा रोड स्थित कला जोन मे महिलाओं ने मिठाइयां भी बांटी। इस मौके पर ऊषा पांडेय, बिदु पांडेय, पूजा गुप्ता, शिवांगी दुबे, रेखा, पूनम, श्वेता, रानी सिंह, सोनी आदि मौजूद थीं।

यह हुई थी घटना

यह सही है कि निर्भया के गांव ही नहीं, पूरे देश के लिए वह काला दिन 16 दिसंबर 2012 था, जब निर्भया के साथ दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की दर्दनाक घटना घटी थी। घटना के बाद लगभग 15 दिनों तक जिदगी और मौत से जूझती निर्भया ने सिगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था। उस वक्त सभी की मांग पर महिला सुरक्षा से संबंधित कई कानून को अमलीजामा पहनाया गया।

निर्भया की मां का संघर्ष लाया रंग

निर्भया के गांव के लोगों ने कहा कि उसकी मां ने न्याय के लिए लंबा संघर्ष किया। वह बेटी के न्याय के लिए कोर्ट का चक्कर लगाती रहीं। वह सरकार से लेकर कोर्ट तक दौड़ कर थक गई थीं। किन्नरों ने किया था शिव तांडव

निर्भया के दोषियों की फांसी पर लगी रोक से नाराज होकर किन्नर अनुष्का ने अपनी टीम के साथ मालगोदाम रोड स्थित शिव मंदिर में शिव तांडव किया था। साथ ही फांसी देने के लिए आराधना की थीं। उनका तर्क था कि फांसी पर लगने वाली बार-बार की रोक से पीड़ित परिवार को दोहरा कष्ट झेलना पड़ रहा है। उस समय आरोपितों के वकील पर भी किन्नर अनुष्का ने आरोप लगाते हुए कहा था कि जानबूझकर गुनाहगारों को बचाने की कोशिश की जा रही है जो उचित नहीं है। जब सीएमओ के बयान से हुई थी किरकिरी

पूरे देश को झकझोर देने वाली निर्भया कांड पर गत दिनों मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बयान की चहुंओर निदा हुई थी। इसके लिए उसके दादा संग ग्रामीण आत्मदाह तक का एलान कर दिए थे। इससे प्रशासन के होश उड़ गए थे। निर्भया के गांव में उसके परिजन व गांव की जनता वहां निर्भया के नाम से बने स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक की तैनाती की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे।


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