सुखपुरा चट्टी पर सूखे पेड़ दुर्घटना को दे रहे दावत
ञ्जह्मद्गड्डह्लद्बठ्ठद्द ड्ड स्त्रह्म4 ह्लह्मद्गद्ग ड्डष्ष्द्बस्त्रद्गठ्ठह्ल श्रठ्ठ स्ह्वद्मद्धश्चह्वह्मड्ड ष्टद्धड्डह्लह्लद्बञ्जह्मद्गड्डह्लद्बठ्ठद्द ड्ड स्त्रह्म4 ह्लह्मद्गद्ग ड्डष्ष्द्बस्त्रद्गठ्ठह्ल श्रठ्ठ स्ह्वद्मद्धश्चह्वह्मड्ड ष्टद्धड्डह्लह्लद्बञ्जह्मद्गड्डह्लद्बठ्ठद्द ड्ड स्त्रह्म4 ह्लह्मद्गद्ग ड्डष्ष्द्बस्त्रद्गठ्ठह्ल श्रठ्ठ स्ह्वद्मद्धश्चह्वह्मड्ड ष्टद्धड्डह्लह्लद्बञ्जह्मद्गड्डह्लद्बठ्ठद्द ड्ड स्त्रह्म4 ह्लह्मद्गद्ग ड्डष्ष्द्बस्त्रद्गठ्ठह्ल श्रठ्ठ स्ह्वद्मद्धश्चह्वह्मड्ड ष्टद्धड्डह्लह्लद्बञ्जह्मद्गड्डह्लद्बठ्ठद्द ड्ड स्त्रह्म4 ह्लह्मद्गद्ग ड्डष्ष्द्बस्त्रद्गठ्ठह्ल श्रठ्ठ स्ह्वद्मद्धश्चह्वह्मड्ड ष्टद्धड्डह्लह्लद्बञ्जह्मद्गड्डह्लद्बठ्ठद्द ड्ड स्त्रह्म4 ह्लह्मद्गद्ग ड्डष्ष्द्बस्त्रद्गठ्ठह्ल श्रठ्ठ स्ह्वद्मद्धश्चह्वह्मड्ड ष्टद्धड्डह्लह्लद्ब
जासं, सुखपुरा (बलिया) : बलिया-सिकंदरपुर मुख्य मार्ग पर स्थित सुखपुरा चट्टी पर महीनों से खड़े सूखे पेड़ किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन व वन विभाग कुंभकर्णी निद्रा में लीन है। लगता है कि इन विभागों की नींद किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही टूटेगी। स्थानीय चट्टी पर मुख्य मार्ग के किनारे गोल्ड मोहर का एक पेड़ महीनों पहले सूख गया। अब तो कई पेड़ सूख गए हैं और उसी तरह खड़े हैं। लोगों ने कई बार वन विभाग व जिला प्रशासन का ध्यान इसके तरफ आकृष्ट कराया लेकिन पेड़ को हटाने का कोई प्रयास अभी तक संभव नहीं हुआ।
इस व्यस्त मार्ग पर लोगों की आवाजाही, वाहनों का गमनागमन 24 घंटे निरंतर जारी रहता है। सूखे पेड़ों की डालियां कब किसी वाहन या किसी मुसाफिर पर गिर पड़ेंगी इसका कोई नियत समय नहीं रह गया है, और तो और पेड़ के नीचे तमाम छोटी बड़ी दुकानें हैं। चट्टी के दो किलोमीटर एरिया में आधा दर्जन पेड़ भी इसी तरह सूखकर खड़े हैं और दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। क्षेत्र के प्रबुद्ध जनों ने एक बार फिर जिला प्रशासन व वन विभाग के उच्चाधिकारियों से दुर्घटना को दावत दे रहे स्थानीय चट्टी पर खड़े सूखे पेड़ों को तत्काल हटाने की मांग की है।