हरि प्रबोधिनी एकादशी पर हजारों ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी
प्रबोधिनी एकादशी के पवित्र पर्व पर शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मां गंगा में आस्था की डुबकी लगायी। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया और ब्राह्मणों को दान कर पुण्य के भागी बने।
जागरण संवाददाता, बलिया: हरि प्रबोधिनी एकादशी के पवित्र पर्व पर शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मां गंगा में आस्था की डुबकी लगायी। श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया और ब्राह्मणों को दान कर पुण्य के भागी बने। साथ ही उपवास रखकर साधना की। कार्तिक एकादशी पर होने वाले स्नान के मद्देनजर पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे।
एकादशी स्नान के लिए एक दिन पूर्व शाम से ही ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की टोली नगर में आने लगी थी। शुक्रवार को पौ फटने से पूर्व ही लोगों के पांव गंगा-तमसा के संगम, महावीर घाट व कीनाराम बाबा घाट की तरफ बढ़ने लगे। भोर होते ही लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर विविध प्रकार के तापों के समन की प्रार्थना की। यह क्रम दोपहर तक चलता रहा। इस अवसर पर महिलाओं की सबसे अधिक संख्या देखी गई। महिलाओं ने दान-पुण्य के साथ ही मां गंगा, तुलसी, मिट्टी का साक्षी विनायक बनाकर विधिवत पूजन किया। साथ ही मां गंगा की आरती उतारी।
इस दौरान शहर के भृगुबाबा व बालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। इसके अलावा व्रती लोगों ने फल, शकरकंद व सुथनी का भोग लगाया और दान किये। नगर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी देवउठनी एकादशी की धूम रही। पूरे दिन व्रत रखकर शाम को महिलाओं ने विधि विधान से शालीग्राम संग तुलसी का विवाह कराया। इस दौरान ईंख का मंडप बनाकर आंवला, सिघाड़ा, कन व सुथनी के अलावा विविध प्रकार के भोग अर्पित किए गए।