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कागजी खानापूर्ति तक सिमटा समाधान दिवस, फरियादी निराश

संपूर्ण समाधान दिवस में बड़ी उम्मीद के साथ फरियादी पहुंचते हैं। उन्हें भरोसा होता है कि उक्त दिवस पर उनके मामले का निस्तारण बड़े अधिकारी कर देंगे लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस दिवस को मामलों से संबंधित आवेदन भले ही सभी से लिए जाते हैं लेकिन उन आवेदनों को संबंधित विभाग को सुपूर्द कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पीछ़े हट जाते हैं। इसके बाद फिर अगला समाधान दिवस आता है फरियादी दोबारा उसी उम्मीद के साथ पहुंचते हैं और उन्हें बार-बार इसी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 06:33 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 06:33 PM (IST)
कागजी खानापूर्ति तक सिमटा समाधान दिवस,  फरियादी निराश
कागजी खानापूर्ति तक सिमटा समाधान दिवस, फरियादी निराश

जागरण संवाददाता, बलिया : संपूर्ण समाधान दिवस में बड़ी उम्मीद के साथ फरियादी पहुंचते हैं। उन्हें भरोसा होता है कि उक्त दिवस पर उनके मामले का निस्तारण बड़े अधिकारी कर देंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस दिवस को मामलों से संबंधित आवेदन भले ही सभी से लिए जाते हैं, लेकिन उन आवेदनों को संबंधित विभाग को सुपूर्द कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पीछ़े हट जाते हैं। इसके बाद फिर अगला समाधान दिवस आता है, फरियादी दोबारा उसी उम्मीद के साथ पहुंचते हैं और उन्हें बार-बार इसी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। अंत में वे थक-हार कर नेताओं के पास दौड़ने लगते हैं, वहां से भी जब न्याय नहीं मिलता तो वे निराश होकर अपनी हार मान घर बैठ जाते हैं और सरकार को कोसते हैं।

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जनपद के विभिन्न तहसील क्षेत्रों के संपूर्ण समाधान दिवस की एक पड़ताल की गई। इस दरम्यान दर्जनों फरियादियों ने बताया कि वे तहसील का चक्कर लगा कर थक चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं के प्रति विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं होते। गोल-मटोल जवाब के साथ मामले का निस्तारण भी फर्जी तरीके से कर देते हैं।

इनसेट--

डीएम-एसपी की मौजूदगी में 180 शिकायतों में 25 का निस्तारण

सदर तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही और पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ में जनता की समस्याओं को सुना। इस अवसर पर कुल 180 समस्याएं आई जिनमें 25 का मौके पर निस्तारण कराया गया। जिलाधिकारी ने शेष समस्याओं को संबंधित अधिकारियों को इस हिदायत के साथ सौंपा कि निस्तारण समयांतर्गत और पूरी गुणवत्ता के साथ होना चाहिए। जिलाधिकारी श्री शाही ने तहसील के अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर ब्लाक में पहले किसी एक गांव को चयनित कर लिया जाए और उस गांव में चकरोड व अन्य सार्वजनिक स्थल पर अगर अतिक्रमण है तो उसे हटवाया जाए। अवैध कब्जे, अतिक्रमण या भूमि विवाद से संबंधित जो भी मामले आए हैं, उसके लिए पुलिस और राजस्व विभाग की एक संयुक्त टीम बना ली जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतों के निस्तारण के लिए अधिनस्थ कर्मचारी कोई भी रिपोर्ट मौका-मुआयना करने के बाद ही लगाएं। अधिकारियों से कहा कि अगर पहले की कोई शिकायत लंबित है तो उसे गंभीरता से देख लें। एसडीएम सदर अश्विनी श्रीवास्तव, तहसीलदार शिवसागर दुबे, नायब तहसीलदार जया सिंह समेत जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। तहसीलों में शिकायतों की संख्या नहीं हो रही कम

जासं, बैरिया (बलिया) : यह सही है कि संपूर्ण समाधान दिवस पर यदि अधिकारी फरियादों की समस्या पर गंभीर हो जाएं तो शिकायतें कम हो सकती हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। विभागीय अधिकारी किसी भी बात का जवाब भी ठीक तरह से नहीं देते। शिकायतकर्ताओं से संपर्क करने पर पता चला कि संपूर्ण समाधान दिवस हो या थाना समाधान दिवस, कहीं भी कुछ नहीं हो रहा है। ऐसे में बड़े अधिकारी अगर बड़े अधिकारी भी उचित दिशा में पांव नहीं बढ़ाते तो सभी का विश्वास भी इस महत्वपूर्ण दिवस से उठ जाएगा। प्रस्तुत है बैरिया तहसील क्षेत्र की कुछ चुनिदा शिकायतों की एक पड़ताल। केस एक--पांच बार दिया प्राथना पत्र, नहीं मिला न्याय

अठगांवा, जगदीशपुर, भुसौला, नरदरा के कटानपीड़ितों को आवासीय पट्टा उपलब्ध कराने व आवंटित भूमि पर कब्जा दिलाने को लेकर इंटक के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह लगातार पांच बार संपूर्ण समाधान दिवस पर प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई समाधान नहीं हो सका। तत्कालीन एसडीएम राधेश्याम पाठक जमीन पर स्थगन आदेश होने का गोल-मटोल जवाब भेज कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया, इस मामले को लेकर अभी भी सभी पीड़ित परेशान हैं। केस दो--चार बार के प्रार्थना पत्र पर भी नहीं ठीक हुआ नलकूप

सोनकी भांट के प्रधान प्रतिनिधि श्यामू ठाकुर ने अपने गांव के दियारे में काफी दिनों से बंद पड़े राजकीय नलकूप को ठीक कराने के लिए लगातार चार संपूर्ण समाधान दिवसों पर शिकायत किया, इसके बावजूद भी नलकूप बंद है। इस मामले के निस्तारण में भी गोल मटोल जवाब भेज दिया। इससे किसान परेशान हैं, उनकी खेती प्रभावित हो रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। केस तीन--आवंटित भूमि पर नहीं हो सका कब्जा

छपरा सारिब के अनुसूचित जातियों के लोगों को आवंटित पट्टा की भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए प्रधान प्रतिनिधि रुपकिशोर सिंह द्वारा संपूर्ण समाधान दिवसों पर लगातार आग्रह किया लेकिन वहां भी कार्रवाई के नाम पर निराशा ही हाथ लगा। सभी लोग आज भी न्याय के इंतजार में हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस दिशा में कोई ठोस पहल करते दिखाई नहीं दे रहे हैं। केस चार--अवैध कब्जा की शिकायत पर नहीं हुए गंभीर

मुनछपरा निवासी सत्येंद्र ने अपनी जमीन पर अवैध कब्जा रोकने के लिए लगातार कई बार संपूर्ण समाधान दिवस पर शिकायत की लेकिन उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी। इसी तरह शिवाल मठिया निवासी वीरेंद्र द्वारा अपने भूमि पर अवैध कब्जा के संदर्भ में लगातार तीन संपूर्ण समाधान दिवसों पर शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस तरह सैकड़ों की संख्या में केस हैं जिसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। -105 शिकायतों में से 8 का हुआ निस्तारण

सिकन्दरपुर(बलिया) : स्थानीय तहसील सभागार में मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 105 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए गए। जिसमें से 8 प्रार्थना पत्रों का निस्तारण किया गया। शेष प्रार्थना पत्रों को त्वरित निस्तारण हेतु संबंधित विभाग को भेज दिया गया। इस दौरान लीलकर गांव की मंजू देवी पत्नी उमाशंकर के नेतृत्व में दर्जनों महिलाओं ने समूह के लीडर पर दो दर्जन सदस्यों के साथ जाल फ्रॉड करके 15 लाख रुपये फर्जी तरीके से उतारने संबंधित प्रार्थना पत्र दिया। जिसको गंभीरता से लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने लीड बैंक के मैनेजर को त्वरित जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वही विकासखंड पन्दह में मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य नहीं होने पर काफी नाराज दिखे। उन्होंने सभागार में ही वीडियो व संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई। इस मौके पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उपजिलाधिकारी सिकन्दरपुर अन्नपूर्णा गर्ग, तहसीलदार दूधनाथ राम सहित तहसील स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।


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