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सौभाग्य की चिगारी ने तबाह किया सुनैना का परिवार

जिस सौभाग्य की दुधिया रोशनी में एक सप्ताह पहले घर आंगन चकाचौंध हुआ था वहीं आज मातम पसरा है। मंहगू क्या पता था कि एक सप्ताह बाद ही यह सौभाग्य परिवार के लिए दुर्भाग्य साबित होगी और हसंती खेलती दो जिदगियां उसमें तबाह हो जाएंगी। 30 मार्च को शार्ट सर्किट से लगी आग में अपना सबकुछ गवां चुके मंहगू को आज भी यह विश्वास नहीं हो रहा है कि इस आंगन में अब कभी भी दोनों मासूमों की धमाचौकड़ी देखने को नहीं मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 06:40 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 06:40 PM (IST)
सौभाग्य की चिगारी ने तबाह किया सुनैना का परिवार
सौभाग्य की चिगारी ने तबाह किया सुनैना का परिवार

जागरण संवाददाता, बांसडीह(बलिया): जिस सौभाग्य की दूधिया रोशनी में एक सप्ताह पहले घर आंगन चकाचौंध हुआ था वहां आज मातम पसरा है। मंहगू को क्या पता था कि एक सप्ताह बाद ही यह सौभाग्य परिवार के लिए दुर्भाग्य साबित होगी और हंसती खेलती दो जिदगियां तबाह हो जाएंगी।

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30 मार्च को शार्ट सर्किट से लगी आग में अपना सबकुछ गवां चुके मंहगू को आज भी यह विश्वास नहीं हो रहा है कि इस आंगन में अब कभी भी दोनों मासूमों की धमाचौकड़ी देखने को नहीं मिलेगी। दोनों संतानों को खोने के गम में बेसुध पति-पत्नी की आंखे पथरा सी गई हैं। कभी धरती तो कभी आकाश की ओर निहारते दंपती की आंखे सविता और राजकुमार को खोज रही हैं।ं इतना सबकुछ होने के बाद भी इनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है। ले देकर पड़ोसी और रिश्तेदार इस घड़ी में उस परिवार को ढाढ़स बंधाने के लिए खड़े हैं।

आश्चर्य की बात तो यह है कि आश्वासनों की बौछार से सत्ता, सुंदरी का सुख भागने वालों के पास न तो महंगू के लिए समय है और न ही जिला प्रशासन के पास। घटना के तीन दिन बाद भी यह परिवार खुले आसमान के नीचे तपती धूप में रहने को मजबूर है। पत्नी सुनैना की स्थिति अब भी पागलों जैसी है। कभी घटना को याद कर जार-जार रो रही है तो दूसरे पल बदहवास हो इधर-उधर देखने लगती है। सुनैना और महंगू की हालत को देखकर जड़ चेतन सभी गमगीन और मर्माहत है। इस हृदय विदारक घटना से दुखी लोग कभी विधाता को कोस रहे है तो कभी महंगू और सुनैना के भाग्य को।

कभी प्रशासनिक अमला को लोग लक्ष्य पर ले रहे हैं। लोगों का कहना है कि घटना में सबकुछ खो चुके परिवार के प्रति भी प्रशासनिक चुप्पी समझ से परे है। परिवार के भरण-पोषण का एकमात्र साधन महंगू की मजदूरी है जो घटना के बाद से ही बंद है। क्षेत्र के हालपुर निवासी राघवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है महंगू के उजड़ी गृहस्थी से पूरा क्षेत्र मर्माहत है लेकिन बिजली विभाग अभी तक मौन है। सौभाग्य योजना के तहत कनेक्शन करने वाली कंपनी की गलतियों की वजह से शार्टसर्किट की घटना हुई जिसमें सबकुछ समाप्त हो गया और प्रशासन कोई सहायता नहीं कर रहा है। इतनी बड़ी त्रासदी के बाद परिवार की कोई मदद न करना प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है। गांव के अजयसिंह, पूर्व प्रधान श्रीकांत वर्मा और प्रधान प्रतिनिधि सुरेश पांडेय ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।


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