शिव विवाह प्रसंग व रामकथा सुनकर भक्तिरस में डूबे श्रद्धालु
जागरण संवाददाता बैरिया (बलिया) सुदिष्ट बाबा के धनुषयज्ञ मेला में सात दिवसीय संगीतमय रामकथा के दूसरे दिन पं. अरविद तिवारी ने शिव विवाह का प्रसंग सुनकर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर किया। वहीं रामकथा के क्रम में सिद्धि मध्य प्रदेश से आए पं. राजेंद्र मिश्र ने कहा कि मन की सरलता वाले व्यक्ति ही भगवान को अधिक प्रिय होते हैं। भगवान का भजन उसी व्यक्ति को फलदाई होता है जिसका मन छल कपट से रहित होता है। ऐसे व्यक्ति केवल रामनाम संकीर्तन से ही असंभव से असंभव कार्यों को करने में सफल हो जाते है।
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): सुदिष्ट बाबा के धनुषयज्ञ मेला में सात दिवसीय संगीतमय रामकथा के दूसरे दिन पं. अरविद तिवारी ने शिव विवाह का प्रसंग सुनकर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर किया। रामकथा के क्रम में सिद्धि मध्य प्रदेश से आए पं. राजेंद्र मिश्र ने कहा कि मन की सरलता वाले व्यक्ति ही भगवान को अधिक प्रिय होते हैं। भगवान का भजन उसी व्यक्ति को फलदाई होता है, जिसका मन छल कपट से रहित होता है।
ऐसे व्यक्ति केवल रामनाम संकीर्तन से ही असंभव से असंभव कार्यो को करने में सफल हो जाते हैं। कहा कि वेद पुराण अथवा रामचरित मानस में ऐसे कई प्रमाण मिलते हैं जिसमें कहा गया है कि कलयुग में राम नाम संकीर्तन से ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। वर्तमान समय में संस्कृत भाषा से लोगों की रुचि कम होती जा रही है। शायद इसी को ध्यान में रखते हुए तुलसी दास जी ने रामचरित मानस की रचना सरल भाषा में की है। रामचरितमानस की सभी चौपाई महामंत्र के समान है। प्रत्येक व्यक्ति को इसका अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने हरे राम हरे कृष्ण की 16 अक्षरीय महामंत्र व वीर हनुमान चालीसा पर व्यापक प्रकाश डालते हुए कहा कि इन के भजन व पाठ से व्यक्ति सब कुछ हासिल कर सकता है। बड़े भाग्य से मनुष्य का तन प्राप्त होता है और ईश्वर के भजन के बिना मनुष्य व्यर्थ हो जाता है।