सांडों पर गोवंश तस्करों की टेढ़ी नजर
जागरण संवाददाता बैरिया (बलिया) क्षेत्र में खुले घूमने वाले सांडों पर गोवंश तस्करों की टेढ
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : क्षेत्र में खुले घूमने वाले सांडों पर गोवंश तस्करों की टेढ़ी नजर है। एक-एक करके सैकड़ों सांडों को गोवंश तस्कर बिहार के बूचड़खानों में पहुंचा चुके हैं। पुलिस सब कुछ जान कर भी अनजान बनी है। द्वाबा क्षेत्र के दियारा इलाकों में सैकड़ों की संख्या में सांड को लोगों ने दाग कर छोड़ रखा था। इनकी भूमिका पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक समन्वय में महत्वपूर्ण थी लेकिन उन सांडों को एक-एक करके छोटे चार पहिया वाहनों में लादकर बिहार के बूचड़खानों में गोवंश तस्कर पहुंचा चुके हैं। जानकार लोगों का कहना है कि एक सांड को बूचड़खाने में पहुंचाने पर बूचड़खाने के संचालक 25 से 30 हजार रुपये देते हैं। बताया जाता है कि उसमें से 5000 वाहन किराया व अन्य प्रशासनिक खर्च के रूप में सांड ले जाने वाले व्यक्ति को खर्च करना पड़ता है। बाकी 20 से 25 हजार रुपये का पहुंचाने वाले को फायदा हो जाता है। धीरे-धीरे दियारा क्षेत्र में सांडों की संख्या घटने लगी है। अब गिनती के सांड क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। अगर प्रशासन द्वारा इसे रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आगामी दिनों में क्षेत्र से सांड विलुप्त हो जाएंगे।