तहजीब फातिमा ने रोजा रखकर पेश की मिसाल
रसड़ा (बलिया) रमजान के पाक व मुकद्दस महीने में गर्मी व तपिश की परवाह किए बगैर मासूम तहजीब फातिमा (9 वर्ष) पहली बार रोजा रखकर बड़े बुजुर्गों को भी नेकी की राह पर चलने की सीख दे रही है। सै.शारिब आबदी की पुत्री व प्रबंधक सै.मुजतबा हुसैन की नवासी तहजीब फातिमा ने अल्लाह की इबादत में रोजा रखते हुए कहा है कि मेरे वालिदेन ने मुझे रोजा रखने की फजीलत के बारे में बताया और नसीहत दी है। हम उन्हीं के साथ रोजा रखते हैं। मेरी दुआओं व मुराद को अल्लाह जरूर पूरी करेंगे आमीन।
रसड़ा (बलिया) : रमजान के पाक व मुकद्दस महीने में गर्मी व तपिश की परवाह किए बगैर मासूम तहजीब फातिमा (9 वर्ष) पहली बार रोजा रखकर बड़े बुजुर्गों को भी नेकी की राह पर चलने की सीख दे रही है। सै.शारिब आबदी की पुत्री व प्रबंधक सै.मुजतबा हुसैन की नवासी तहजीब फातिमा ने अल्लाह की इबादत में रोजा रखते हुए कहा कि मेरे वालिदेन ने मुझे रोजा रखने की फजीलत के बारे में बताया और नसीहत दी है। हम उन्हीं के साथ रोजा रखते हैं। मेरी दुआ व मुराद को अल्लाह जरूर पूरी करेंगे, आमीन।