सड़क पर चलते व पार करते समय रखें नियमों का ख्याल
सड़क पर दुर्घटना रोकने के लिए यातायात के नियम वाहन चालकों के साथ- साथ पैदल चलने वालों पर भी लागू होते हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इससे वाकिफ नहीं हैं। जिसके कारण सड़क पार करते समय कोई भी हादसे का शिकार हो जाता है। जिससे जान तक गंवा देता है। थोड़ी सावधानी बरत कर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन कर सड़क हादसे से बचा जा सकता है।
जागरण संवाददाता, बलिया: सड़क पर दुर्घटना रोकने के लिए यातायात के नियम वाहन चालकों के साथ-साथ पैदल चलने वालों पर भी लागू होते हैं। जानकारी के अभाव में लोग इससे वाकिफ नहीं हैं। इसके कारण सड़क पार करते समय कोई भी हादसे का शिकार हो जाता है। इससे जान तक गंवा देता है। थोड़ी सावधानी बरत कर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन कर सड़क हादसे से बचा जा सकता है। सड़क पार करते समय हमेशा सावधानी बरतें। हड़बड़ी के साथ सड़क पार न करें। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अकेले सड़क पार करना खतरनाक होता है। क्योंकि सड़क पार करने के लिए इस उम्र में आवश्यक मानसिक संयोजन और सटीक निर्णय की क्षमता का विकास इस उम्र तक नहीं। समय-समय पर परिवहन व यातायात विभाग जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सड़क पर चलने के लिए जागरूक शिविर लगा कर जानकारी देता रहता है। बच्चों के लिए खास तौर पर यह शिविर स्कूलों में लगाकर बच्चों और अभिभावकों को यातायात के नियमों के बारे में जागरूक करता है। -----------वर्जन----------
सड़क पर चलते या पार करते समय थोड़ी सी सावधानी से दुर्घटनाओं को मात दिया सकता है। सड़क पार करते समय हमेशा जेब्रा क्रा¨सग का प्रयोग करें न होने की दशा में सड़क के दोनों तरफ देख कर सड़क पार करें। पैदल चलने के लिए हमेशा पटरी का इस्तेमाल करें। सड़क पर चलते समय मोबाइल या ईयर फोन लगाकर बातचीत करने से बचे। 14 वर्ष तक के बच्चों को हाथ पकड़ कर सड़क पार करवाएं। यातायात नियम से चले जल्दी बाजी न करें।
-सुरेश चंद्र द्विवेदी, यातायात निरीक्षक -----------वर्जन---------
तनाव पूर्ण जीवन शैली के कारण सड़क पर चलते या पार करते समय तमाम ख्याल मन में भरा रहता है। मोबाइल से बात करना, आफिस और घर पहुंचने की जल्दबाजी, कान में ईयर फोन लगाकर बात करना या गाना सुनना, वाहनों का शोर के कारण दिमाग सड़क पर होने वाले हादसों को भूल जाता है। वह इस तनाव में भूल जाता है कि उसकी एक गलती से वह और दूसरा हादसे का शिकार हो सकता है।
-ममता वर्मा, प्रोफेसर गुलाब देवी महाविद्यालय।