नसबंदी व आपरेशन बंद, सीएमएस भी गायब
जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नही ले रही है। जिला महिला अस्पताल में परिवार नियोजन जैसी योजना भी बंद पड़ी है डिलेवरी का आपरेशन भी बंद है। लेकिन सुविधाओं को ठीक करने के बजाय नवागत सीएमएस हमेशा गायब ही रहती हैं। उनके द्वारा फरवरी माह में चार्ज लिया गया था लेकिन चार्ज लेने के बाद से ही उनका कार्यालय बंद है।
जागरण संवाददाता, बलिया : जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जिला महिला अस्पताल में परिवार नियोजन जैसी योजना भी बंद पड़ी है, डिलेवरी का आपरेशन भी बंद है, लेकिन सुविधाओं को ठीक करने के बजाय नवागत सीएमएस हमेशा गायब ही रहती हैं। फरवरी माह में उन्होंने चार्ज लिया था, लेकिन चार्ज लेने के बाद से ही उनका कार्यालय बंद है।
अस्पताल के लोग बताते हैं कि नवागत सीएमएस कभी-कभी जिले में आती हैं। किसी विशेष समस्या पर वहीं से मोबाइल पर निर्देश कर देती हैं या विशेष बैठक में शामिल होने के लिए आती हैं। सीएमएस के न होने से अस्पताल परिसर में दलालों का वर्चस्व कायम है। ओपीडी दरवाजे तक जांच घर के युवक खड़े रहते हैं और मरीजों के हाथों से जांच की पर्ची लेकर अपने जांच घर में ले जाते हैं। बदले में संविदा चिकित्सकों को चढ़ावा मिल जाता है। जब इस मामले को मरीज सीएमएस से शिकायत करने जाते है तो उनका कार्यालय भी हमेशा बंद रहता है।