प्रशिक्षण के चक्कर में पंचायतों का विकास कार्य ठप
जासं दोकटी (बलिया) पंचायतों का विकास कैसे होगा जब दो माह बीत जाने के बाद पंचायतों का डिजिटल हस्ताक्षर व डोंगल प्रशिक्षण नहीं हो सका। ऐसी स्थिति पंचायतों का विकास की कल्पना कैसे की जा सकती है। जब पूरे प्रदेश में पंचायतों में प्रधान व सचिवों का डिजिटल हस्ताक्षर लोड करना था उस समय विकास खंड मुरली छपरा के अधिकांश सचिवों पर स्थानांतरण अन्य ब्लाकों में कर दिया गया और जिन सचिवों का यहां पर स्थानांतरण हुआ वे दूसरे जगह स्थानांतरण करने के चक्कर में महीनों बीत गया। जब डिजिटल हस्ताक्षर आरंभ हुआ तो उसमें काफी शिथिलता बरती गई।
जासं, दोकटी (बलिया): पंचायतों का विकास कैसे होगा, जब दो माह बीत जाने के बाद पंचायतों का डिजिटल हस्ताक्षर व डोंगल प्रशिक्षण नहीं हो सका। ऐसी स्थिति पंचायतों का विकास की कल्पना कैसे की जा सकती है। जब पूरे प्रदेश में पंचायतों में प्रधान व सचिवों का डिजिटल हस्ताक्षर लोड करना था, उस समय विकास खंड मुरली छपरा के अधिकांश सचिवों पर स्थानांतरण अन्य ब्लाकों में कर दिया गया। जिन सचिवों का यहां पर स्थानांतरण हुआ वे दूसरे जगह जाने के चक्कर में महीनों बीता दिया। जब डिजिटल हस्ताक्षर आरंभ हुआ तो उसमें काफी शिथिलता बरती गई।
डिजिटल हस्ताक्षर के बाद जब पंचायत के नए कार्यों के लिए प्रशिक्षण देना था तो उसमें भी जिला मुख्यालय द्वारा पंचायतों को अलग-अलग तिथि निर्धारित की गई। ऐसी स्थिति में विकास कार्य विगत तीन माह से रुका हुआ है। दूसरी तरफ अति महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत पंचायतों में बनने वाले शौचालयों का कार्य विगत छह माह से आधा-अधूरा पड़ा हुआ है।