Flood In Ballia : गंगा में बाढ़ से बैरिया के छह गांव टापू में तब्दील, प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर तक का बढ़ाव
Ganga Flood in Ballia बलिया जिले में गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु को पार करने के बाद अब बाढ़ का स्तर लोगों को चुनौती देने लगा है। बाढ़ का स्तर लगातार बढ़ने की वजह से लोगों के सामने दुश्वारी भी शुरू हो गई है।
बलिया, जागरण संवाददाता। जिले में गंगा का जलस्तर बाढ़ के खतरा स्तर को पार कर गया है। गंगा में बाढ़ की वजह से बैरिया के छह गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। वहीं गंगा का जलस्तर 58.870 मीटर तक जा पहुंचा है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अगले चौबीस घंटे में दर्जन भर और गांवों के डूबने का अंदेशा गहरा गया है। जिले में बाढ़ चौकी स्थापित होने के बाद भी धरातल पर प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार मौजूद नहीं है।
गंगा में तीव्र गति से जलस्तर बढ़ रहा है। शुक्रवार को सुबह मीडियम फ्लड लेवल पार हो गया। तटवर्ती गांवाें मेें मुश्किल और बढ़ गई। लोग अपना सामान समेटने लगे हैं। बैरिया के छह गांव टापू में तब्दील हो गए, इससे करीब 25 हजार आबादी प्रभावित है। जिस रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है, उससे अनुमान है कि 12 और गांव अगले 24 घंटे में डूब जाएंगे। बाढ़ चौकी तो स्थापित कर दी गई हैं, लेकिन धरातल पर कोई जिम्मेदार नहीं आ रहा है। नाव की व्यवस्था भी नहीं हो पाई है।
शुगर छपरा, सुनार टोला रामगढ़, बनिया टोला, दुबे छपरा, गोपालपुर व उदई छपरा गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लोग अपने सामानों को सुरक्षित निकालने की जद्दोजहद कर रहे हैं। एनएच-31 के दुबेछपरा ढाले पर लोग शरण लेना शुरू कर दिए हैं। पानी देर शाम तक तेलिया नारा को भरने के साथ प्रसाद छपरा, बुधन चक, मिश्रगिरी के मठिया, पांडेयपुर, मुरली छपरा, वंश गोपाल छपरा, मिश्र के हाता होते हुए टेंगरही बंधा के पास पहुंचने की संभावना है। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर 58.870 मीटर दर्ज किया गया है। साथ ही प्रति घंटा 3 सेंटीमीटर का बढ़ाव बना हुआ है।
डूब गए आठ परिषदीय स्कूल, मुश्किल में पढ़ाई : यशोदा देवी बालिका विद्यालय दुबेछपरा, प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर, प्राथमिक विद्यालय उदईछपरा, प्राथमिक विद्यालय सुघरछ्परा, प्राथमिक विद्यालय गंगौली, प्राथमिक विद्यालय श्रीनगर केहरपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय सुघरछ्परा और प्राथमिक विद्यालय पोखरा के परिसर में बाढ़ का पानी घुस गया है। अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुबेछपरा के पीछे पानी भरना शुरू हो गया है। यहां पर पठन-पाठन कार्य रोक दिया गया है। बच्चों की पढ़ाई मुश्किल में पड़ गई है।