पुण्यतिथि पर याद किए गए शेरे बलिया
बलिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शेर-ए बलिया चित्तू पांडेय की 73वीं पुण्यतिथि चित्तू पांडेय स्मारक समिति द्वारा मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने उनके आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पांडेय जी का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अभूतपूर्व योगदान रहा। उन्होंने मां भारती की स्वतंत्रता के लिए जो जज्बा दिखाया वह अतुलनीय है।
जागरण संवाददाता, बलिया : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शेर-ए बलिया चित्तू पांडेय की 73वीं पुण्यतिथि चित्तू पांडेय स्मारक समिति द्वारा मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने उनके आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पांडेय का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अभूतपूर्व योगदान रहा। उन्होंने मां भारती की स्वतंत्रता के लिए जो जज्बा दिखाया वह अतुलनीय है। उनके साहस और पराक्रम को देखकर ब्रितानी हुकुम भी नत मस्तक हो गई थी, जब पूरे देश में अंग्रेजों के तानाशाही से कराह रहा था ऐसे में पूरे भारतीय उप महाद्वीप में पहली बार आजादी का लुत्फ उठाया। आज हमें उनसे सीख लेने की जरूरत है। उन्हीं की बदौलत आज इतिहास में सुनहरे अक्षरों में बलिया का नाम दर्ज है। इस दौरान विनय पांडेय, सत्यप्रकाश मुन्ना उपाध्याय, शिवप्रताप ओझा, रामधनी सिंह, शिवप्रता ओझा, डा. संतोष कुमार, गिरीश कांत, अबुल फैज, विवेक ओझा, रुपेश चौबे, तेज नारायण, ओमप्रकाश पांण्डेय, फूलबदन तिवारी, दीपक श्रीवास्तव, सागर सिंह राहुल, दीनबंधु यादव आदि शामिल रहे।
रतसर : ब्राह्मण स्वयंसेवक संघ के तत्वाधान में 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के महानायक आजाद बलिया के पहले प्रजातांत्रिक शासनाध्यक्ष शेरे बलिया चित्तू पांडेय की पुण्यतिथि जिला अध्यक्ष राजेश मिश्र के मसहां स्थित आवास पर मनाई गई। प्रदेश संयोजक डा. अवनीश पांडेय ने कहा कि 1942 में जब भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था, उसी समय बागी बलिया आजाद हो चुका था। उस आंदोलन के प्रणेता चित्तू पांडे के धरती पर आकर मैं धन्य हो गया। इस मौके पर सुधीर मिश्र, राजेश कुमार मिश्र, ओम प्रकाश पांडेय, डा.धनेश पाण्डेय, राहुल मिश्र, सुनील पांडेय, सत्य प्रकाश ओझा, सुधीर तिवारी, दयाशंकर तिवारी आदि मौजूद थे। संचालन अभिषेक पांडेय ने किया।