सरयू खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर, बढ़ाव तेज
सरयू नदी के जलस्तर में बढ़ाव की रफ्तार और तेज हो ग
जागरण संवाददाता, बिल्थरारोड (बलिया) : सरयू नदी के जलस्तर में बढ़ाव की रफ्तार और तेज हो गई है। मंगलवार को 12 घंटे में नदी का जलस्तर नौ सेंटीमीटर बढ़ गया। तुर्तीपार हेड पर केंद्रीय जल आयोग द्वारा सुबह नौ बजे सरयू का जलस्तर 64.890 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान 64.010 मीटर है। इसके सापेक्ष नदी खतरा निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। जलस्तर में बढ़ाव ने तटवर्ती लोगों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। नदी का वर्तमान जलस्तर इस वर्ष के सबसे अधिक बढ़ाव पर है। इसमें लगातार बढ़ोतरी जारी है। इससे प्रशासनिक अधिकारियों के भी होश उड़े हुए हैं। नदी की स्थिति पर प्रशासन की लगातार निगरानी जारी है। एसडीएम सर्वेश यादव ने कहा कि सरयू में जारी बढ़ाव को देखते हुए बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। हालात पर नजर रखी जा रही है। पानी से घिरे कई गांव
बाढ़ के पानी से कई गांव घिरे हैं। यहां राहत कार्य पूरी तरह से ठप है। चंदायर बलीपुर गांव के महरुडीह का टोला भी मंगलवार को पानी से घिर गया। करीब 40 घरों की आबादी वाला यह टोला जलमग्न होने के कगार पर है। घरों में भी पानी घुस गया है। शौचालय भी बंद हो चुके हैं। बिजली कट गई है। शाहपुर अफगां ग्रामपंचायत का बहाटपुर और खेतहरी भी पूरी तरह से डूबा हुआ है। यहां भी अब तक किसी तरह की राहत नहीं पहुंच सकी है।
आधा दर्जन संपर्क मार्गों पर जलजमाव, खेती पर संकट
जासं, रेवती (बलिया) : स्थानीय ब्लाक की कई ग्रामसभाओं में हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो चुकी है । धान व मक्के की खेती भी नहीं हो पाई है। खेतों में तीन से चार फीट पानी भर जाने से विकट स्थित उत्पन्न हो गई है। देवपुर मठिया रेगुलेटर पुल से लगातार रिसाव से आधा दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग पानी में डूबे हैं। कई गांवों की बस्तियां भी पानी से पूरी तरह घिर चुकी हैं। वर्ष 1949 में बना था रेगुलेटर पुल, अब हो गया है जर्जर
वर्ष 1949 में देवपुर मठिया पुल पर रेगुलेटर बना था। अब यह काफी जर्जर हो चुका है। सुरक्षित क्षेत्र का पानी बाढ़ क्षेत्र में गिराने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। बीते तीन वर्षों से फाटक की मरम्मत नहीं हो पाई है। इस कारण सरयू के जलस्तर में वृद्धि होने से पानी का रिसाव हो रहा है। सितंबर तक नदी का घटाव-बढ़ाव का क्रम चलता रहेगा।