संत सागरदास ने अपने गुरु के नाम पर बनवाया था अस्पताल
जागरण संवाददाता बलिया लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताबदियारा के जयप्रकाश नगर में
जागरण संवाददाता, बलिया : लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताबदियारा के जयप्रकाश नगर में एक संत सागरदास और देश में समाजवादी राजनीति के पुरोधा जयप्रकाश नारायण के लगभग पचास साल पहले किए गए प्रयास से आज भी लगभग 50 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। 1954 में संत सेवादास अपने शिष्य सागर दास के साथ सिताबदियारा आए थे। वह कोलकाता पश्चिम बंगाल से यहां आए थे। एक साल तक वह यहां पर रहे, इसके बाद सेवा दास लौट गए, लेकिन वे अपने शिष्य सागर दास को सिताबदियारा में छोड़ गए। उसके बाद सागरदास ने सिताबदियारा में अस्पताल की स्थापना के लिए पहल की। स्वयं जेपी भी आगे आए। गांव के लोगों से भूदान करने के लिए कहा। इसी कड़ी में दलजीत टोला के लोगों ने अस्पताल के लिए छह एकड़ जमीन दान दी। उसके बाद 1954 से अस्पताल निर्माण शुरू हुआ। करीब दो साल बाद करीब 50 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी शुरू हो गई। इतना कुछ करने के बाद भी सागर दास ने अपना नाम नहीं जोड़ा। वह सब कुछ अपने गुरू सेवादास को समर्पित कर दिए। जेपी इंटर कालेज और पंचदेव सेवा मंदिर की स्थापना भी संत की पहल पर ही संभव हुई। समय-समय पर सरकारों ने सुविधाओं का विस्तार किया।
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2016 में हुआ था सीएचसी का लोकार्पण : वर्ष 2016 में सपा सरकार में यहां सीएचसी भवन का लोकार्पण हुआ। अब पुराना अस्पताल नए भवन में शिफ्ट हो गया है, लेकिन स्टाफ के अभाव में इसका संचालन अभी भी पीएचसी के रूप में ही हो रहा है। उपचार की सुविधाओं के अभाव में पहले यहां के लोगों को गांव से 54 किलोमीटर दूर बलिया या 35 किमी दूर छपरा जाना पड़ता था।