विभागीय भ्रष्टाचार से स्वच्छता अभियान विफल
स्वच्छ भारत - स्वस्थ भारत अभियान के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं जबकि ठीक इसके विपरीत विकास खंड बांसडीह के खरौनी के हरिजन बस्ती में मुख्य सड़क पर वर्षों से नाली का पानी बह रहा है। इससे संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी हुई है। यह समस्या वर्षों से है। इस समस्या के निदान के लिए मोहल्ला वासियों ने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराया था जिसपर उपजिलाधिकारी अन्नपूर्णा गर्ग के निर्देश पर खंडविकास अधिकारी नंदलाल कुमार ने खरौनी पहुंच कर सड़क की पानी निकासी के विकल्पों को देखा। खंडविकास अधिकारी व सचिव अखिलेश कुमार ¨सह ने पानी निकालने के संबंध में अधिकारियों से वार्ता भी की।
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छता अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह बड़े होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। घर-घर में शौचालय बनवाने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है लेकिन ये सभी योजनाएं विभागीय भ्रष्टाचार के कारण कच्छप गति से चल रही है। यही कारण है की धरातल पर स्वच्छता अभियान हवा-हवाई साबित हो रही है।
जिला प्रशासन के कुछ अफसर भी साफ-सफाई को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा जगह-जगह पर बोर्ड तथा बैनर, पोस्टर लगाकर सफाई अभियान के डंके पीटे जा रहे हैं। वहीं विकास खण्ड बैरिया व मुरली छपरा के विभिन्न पंचायतों में शौचालय का निर्माण कराने के दावे किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ कई जगहों पर कूड़े कचड़े फेंकने को लेकर कूड़ादान बनाए जाने की घोषणा की जाती है लेकिन इन दिनों यहां स्वच्छता अभियान की हवा निकल रही है।
क्षेत्र की तमाम सड़कें शौचालय में तब्दील हो गई हैं। भगवानपुर, सोनबरसा, तालिबपुर, करमानपुर, जमालपुर, गंगा पाण्डेय के टोला सहित दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर जगन के डेरा, झंडा भारती के मठिया से सटे सड़क गंदगी से भरे पड़े है। वहीं दर्जनों गांवों को सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन से जोड़ने वाली सड़क मधुबनी पासवान बस्ती के सामने वही सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन से दुर्जनपुर मार्ग लगभग क्षेत्र के हर एक सड़कों की यही दशा है। इन सड़कों की स्थिति यह है कि इन सड़कों पर बिना नाक बंद किए नहीं जा सकते। वहीं अगर कोई चार पहिया वाहन आ गया तो शौच के छींटे आने जाने वालों के शरीर पर पड़ना निश्चित है। उस स्थिति में मजबूरन स्नान करने के लिए अपने घर वापस लौटना पड़ता है।