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सड़कों की पटरियों पर बदहाल ¨जदगी जी रहे कटान पीड़ित

मानव कल्याण, राष्ट्र के उत्थान व सामाजिक सौहार्द के लिए स्वामी हरिहरानंद के निर्देश पर संत यतीनाथ मंदिर पर 2 वर्ष 7 महीने से लगातार बिना बाधा के चल रहे अखंड रामनाम संकीर्तन से न सिर्फ यह कस्बा बल्कि समूचा क्षेत्र राममय हो गया है। सुबह बिस्तर छोड़ने के बाद जब लोगों के कानों में कीर्तन का मधुर स्वर सुनाई पड़ती है तो उन्हें आत्मिक सुख मिलता है। संकीर्तन में लोगों के जुड़ाव का असर है कि बिना बाधा के यह कीर्तन लगातार चल रहा है। संकीर्तन 32वें महीने में प्रवेश कर गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 10:45 PM (IST)
सड़कों की पटरियों पर बदहाल ¨जदगी जी रहे कटान पीड़ित
सड़कों की पटरियों पर बदहाल ¨जदगी जी रहे कटान पीड़ित

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): कटान पीड़ित विस्थापित होकर खानाबदोश की तरह सड़क के पटरियों पर वर्षों से झोपड़ी लगाकर बसे हैं, जबकि उन्हें बसाने के लिए शासन की ओर से अवमुक्त दो करोड़ 52 लाख रुपये ट्रेजरी की शोभा बढ़ा रहा है। जिम्मेदार राजस्व विभाग के अधिकारी जानबूझ कर संवेदनहीन बने हुए हैं। लोगों का आरोप है कि अवैध कमाई के लिए ऐसा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की ओर से विगत 10 अक्टूबर को ही बलिहार, चौबेछपरा, केहरपुर व बहुआरा के लोगों के लिए एक करोड़ 93 लाख रुपये गृह अनुदान के रूप में आवंटित किया गया था, वहीं बहुआरा में कटान पीड़ितों को बसाने को जमीन खरीदने हेतु 52 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।

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इसके बावजूद बैरिया तहसील प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि अनुदान का धन बैंक खाते में ही जाना है। लाभार्थियों का बैंक खाता नंबर तहसीलदार द्वारा प्रमाणित होकर भेजा जाना है, वह भी अभी तक तहसीलदार द्वारा नहीं किया गया। लोगों का आरोप है कि जन प्रतिनिधियों द्वारा भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। यदि इस मामले पर अमल होता तो अब तक कटान पीड़ितों को अपना आशियाना मिल गया होता। उन्हें सड़क व बंधों के पटरियों पर नहीं बसना पड़ता। कटान पीड़ितों ने जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की गुहार लगाते हुए अविलंब उस धन का भुगतान कटान पीड़ितों में कराने की मांग की है।


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