धरती पर स्वर्ग लाने का साधन है रामचरितमानस
रामचरितमानस स्वर्ग जाने का साधन नहीं है बल्कि यह धरती पर स्वर्ग लाने का साधन है। अपने प्रवचन के दौरान मानस दिनकर पंडित दिनेश कुमार मिश्र ने श्रीरामचरितमानस के संदर्भों को उद्धृत करते हुए उक्त उद्गार व्यक्त किया।
जासं, चितबड़ागांव (बलिया) : रामचरितमानस स्वर्ग जाने का साधन नहीं है बल्कि यह धरती पर स्वर्ग लाने का साधन है। अपने प्रवचन के दौरान मानस दिनकर पंडित दिनेश कुमार मिश्र ने श्रीरामचरितमानस के संदर्भों को उद्धृत करते हुए उक्त उद्गार व्यक्त किया। चितबड़ागांव के अति प्राचीन शिव मंदिर चितेश्वर नाथ मंदिर परिसर में राम कथा आयोजन के तीसरे दिन आचार्य दिनेश कुमार मिश्र ने भगवान राम के चरित्र पर बोलते हुए कहा कि भगवान राम अखंड भारत के स्वरूप हैं वे मात्र हिदुओं के आराध्य नहीं हैं बल्कि वसुधैव कुटुंबकम के पोषक मार्गदर्शक व अभियोजक हैं।
आचार्य ने भौतिक संसाधन पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भौतिक संसाधन व्यक्ति को भाग्यवान बनाता है तो दूसरी ओर त्याग व्यक्ति को भगवान बनाता है। त्याग का नाम ही ईश्वर है और भोग का नाम ही जीव है। उन्होंने भारतीय नारी व भारतीय संस्कृति पर गर्व करते हुए कहा कि मर्यादा का नाम ही भारतीय नारी है और भारतीय संस्कृति भी मर्यादा का ही पर्याय है। कार्यक्रम के आयोजन में बृषभान सिंह, शेखन सिंह, राजू सिंह, मेजर उदय भान सिंह, पूर्णमासी पांडेय के साथ ही चितेश्वर नाथ संकीर्तन समिति के पदाधिकारी गण का भरपूर योगदान है।