याद किए गए लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक व आजाद
जागरण संवाददाता बलिया देश के स्वतंत्रता संग्राम के दो महानायकों लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 164वीं व शहीद चन्द्रशेखर आजाद की 114वीं जयंती गुरुवार को जनपद में मनाई गई। गंगा सेवा समिति के तत्वावधान में चंद्रशेखर आजाद की जापलिनगंज स्थित प्रतिमा पर सदस्यों द्वारा पुष्प अर्पित किया।
जागरण संवाददाता, बलिया : स्वतंत्रता संग्राम के दो महानायकों लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 164वीं व शहीद चंद्रशेखर आजाद की 114वीं जयंती गुरुवार को मनाई गई। कृतज्ञ बागी धरतीवासियों ने तिलक व आजाद के विचारों पर चलने का संकल्प लिया।
गंगा सेवा समिति के तत्वावधान में चंद्रशेखर आजाद की जापलिनगंज स्थित प्रतिमा पर सदस्यों द्वारा पुष्प अर्पित किया। वहीं भारत माता की जय, चंद्रशेखर आजाद अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाए। समिति के अध्यक्ष सागर सिंह राहुल ने कहा कि महज 14 वर्ष की आयु में चंद्रशेखर आजाद असहयोग आंदोलन का हिस्सा बन गए। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक कहे जाने वाले शहीद चंद्रशेखर आजाद राष्ट्रभक्ति व बलिदान का पर्याय हैं। उनके हृदय में देश व मातृभूमि के लिए इतना प्रेम था कि उन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही अंग्रे•ाों के विरुद्ध लोहा लेकर अपना संपूर्ण जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राहुल माझिल, राजप्रकाश, अमन केशरी, पूर्व सभासद राजकुमार राव, संजय गिरि, दिनेश श्रीवास्तव, अनूप कुमार आदि लोग मौजूद थे।
इसी क्रम में बसंतपुर स्थित पंडित जी की फुलवारी में पं.विवेकानंद सेवा समिति की ओर से लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक व शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें उप्र महिला कांग्रेस कमेटी (पूर्वी जोन) की प्रदेश सचिव पूनम पाण्डेय ने दीप प्रज्वलित कर उन्हें नमन किया। तत्पश्चात किसान रामअवध पासवान को अंगवस्त्रम से सम्मानित किया। इस दौरान बाल भोज का आयोजन किया गया। इस मौके पर कवि ई.हर्ष पाण्डेय अपनी कविता प्रस्तुत किए। राजेश पाण्डेय, शिवजी मिश्र, बब्लू सिंह, चमन, रमेश वर्मा, रामायण चौरसिया, ऊषा सिंह, दिपाशा पाण्डेय आदि मौजूद थे। अध्यक्षता डॉ.विजयानंद व संचालन लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा कु.हर्षिता रूचि ने किया।