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स्वास्थ्य केंद्र में दु‌र्व्यवस्था के शिकार डायरिया मरीज

रसड़ा (बलिया) जनपद के बाद महत्वपूर्ण अस्पतालों में शामिल रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य एक बार फिर दु‌र्व्यवस्था बेबसी व लाचारी का रूप देखने को मिला जब रसड़ा क्षेत्र के नागपुर गांव से लगभग 50 की संख्या में डायरिया से पीड़ित मरीज जब अस्पताल पहुंचने लगे। बहुत पहले से ही यह अस्पताल आधुनिक संसाधानों महिला सहित फिजिशियन चिकित्सकों का दंश झेल रहा है और ऐसे में जब अत्यंत चिता जनक स्थित में 50 मरीज इस अस्पताल में पहुंचे तो दु‌र्व्यवस्था पूरी तरह धरातल पर दिखाई देने लगी। आलम यह रहा कि इतने मरीजों को एक साथ सभी को बेड भी नसीब नहीं हो पाया। कोई खड़ा होकर इलाज करा रहा था तो कोई बैठने वाले सीट पर बैठकर अपना इलाज कराने को विवश दिखा। लाखों की आबादी के बीच इस चिकित्सालय की पहले ही इस तरह की दुर्दशा व परेशानियों गुजरना पड़ा है कितु परेशानियों से सबक लेने के बजाय विभाग कागजी खाना पूर्ति व उदासीनता बरतता रहा और उसका नजीता यह रहा कि पीड़ित परिजन रोते-गिड़गिड़ाते इलाज के लिए काफी परेशान दिखे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 05:48 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:48 PM (IST)
स्वास्थ्य केंद्र में दु‌र्व्यवस्था के शिकार डायरिया मरीज
स्वास्थ्य केंद्र में दु‌र्व्यवस्था के शिकार डायरिया मरीज

जासं, रसड़ा (बलिया) : जनपद के महत्वपूर्ण अस्पतालों में शुमार रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बार फिर मरीज दु‌र्व्यवस्था, बेबसी व लाचारी से जूझ रहे हैं। रसड़ा क्षेत्र के नागपुर गांव से लगभग 50 की संख्या में डायरिया पीड़ित जब अस्पताल पहुंचे तो वहां की अव्यवस्था ने मरीजों व उनके परिजनों की मुश्किलें और बढ़ा दीं। उधर जिला अस्पताल में अब भी कई मरीज जिदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इस बीच कई मरीजों को स्वास्थ्य ठीक होने पर छुट्टी दे दी गई है।

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बहुत पहले से ही रसड़ा सीएचसी आधुनिक संसाधनों, महिला सहित फिजिशियन चिकित्सकों का दंश झेल रहा है। ऐसे में जब अत्यंत चिताजनक स्थिति में 50 मरीज अस्पताल में पहुंचे तो दु‌र्व्यवस्था पूरी तरह धरातल पर दिखाई देने लगी। आलम यह रहा कि इतने मरीजों को एक साथ बेड भी नसीब नहीं हो पाया। कोई खड़ा होकर इलाज करा रहा था तो कोई बैठने वाले सीट पर बैठकर अपना इलाज कराने को विवश दिखा। लाखों की आबादी के बीच इस चिकित्सालय की पहले ही इस तरह की दुर्दशा व परेशानियों गुजरना पड़ा है कितु परेशानियों से सबक लेने के बजाय विभाग कागजी खानापूर्ति व उदासीनता बरतता रहा। इसका नतीजा यह रहा कि पीड़ित परिजन रोते-गिड़गिड़ाते इलाज के लिए काफी परेशान दिखे।

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दूषित पानी का सैंपल भेजा गया लखनऊ

रसड़ा (बलिया) : नागपुर गांव में दूषित पानी की वजह से फैली बीमारी की सूचना पर राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन रसड़ा के चिकित्सकों की एक टीम

दूसरे दिन भी नागपुर गांव पहुंची। शेष बचे हुए लोगों की जांच शुरू की। आवश्यक दवाओं का वितरण किया। चिकित्सक आमिर इम्तियाज के नेतृत्व में स्वास्थ्य टीम बाकायदा घर-घर पहुंचकर प्रत्येक व्यक्ति की जांच कर आवश्यक उपचार के साथ-साथ आवश्यक परामर्श भी प्रदान कर रही है। डा. मुरली मनोहर की टीम ने दूषित पानी का सेंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेज दिया। नागपुर गांव के प्रधान हिटलर सिंह ने पीड़ित मरीजों के उपचार में हर संभव सहयोग दिया तथा तत्काल पूरी बस्ती में आरओ का पानी सहित आवश्यक सुविधाएं मुहैया करायी गई।

घटना की हो जांच

रसड़ा : नागपुर गांव के ही समाजसेवी निर्भय नारायण सिंह ने स्वास्थ विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि गुरूवार को ही इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर दिया गया था कितु गांव में चिकित्सकीय टीम न भेजे जाने के चलते इतने लोगों की जान खतरे में पड़ गई। उन्होंने इसकी जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है।


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