ओवरलोड ट्रकों से गड्ढायुक्त बना हाईवे, हर दिन भीषण जाम
बलिया से मंझी घाट तक राष्ट्रीय राज मार्ग-31 अब शायद ही कभी ठीक रह पाए। वजह कि बिहार की ओर से हजारों की संख्या में आ रहे ओवर लोड ट्रक इस सड़क को कभी भी ठीक नहीं रहने देंगे। यह सब प्रशासन की अनदेखी या मिलीभगत से हो रहा है। जानकार बताते हैं कि छपरा की ओर से प्रतिदिन लगभग चार हजार लाल बालू लदे या अन्य समानों से लदे ट्रकों का आवगमन होता है।
जागरण संवाददाता, बलिया : बलिया से मांझी घाट तक राष्ट्रीय राज मार्ग-31 अब शायद ही कभी ठीक रह पाए। वजह कि बिहार की ओर से हजारों की संख्या में आ रहे ओवर लोड ट्रक इस सड़क को कभी भी ठीक नहीं रहने देंगे। यह सब प्रशासन की अनदेखी या मिलीभगत से हो रहा है। जानकार बताते हैं कि छपरा की ओर से प्रतिदिन लगभग चार हजार लाल बालू लदे या अन्य सामान से लदे ट्रकों का आवागमन होता है।
इसमें 90 फीसद ट्रक ओवरलोड होकर मांझी के जयप्रभा सेतु के रास्ते यूपी में प्रवेश करते हैं। उन ट्रकों में कोई भी ट्रक यदि बीच रास्ते में खराब होता है तो 10 मिनट के अंदर ही बैरिया से छपरा तक लगभग 40 किमी में जाम लग जाता है। विगत एक साल से बैरिया विधान सभा के लोग इस सड़क के निर्माण को लेकर हंगामा कर रहे हैं, लेकिन एनएचएआइ ने इस सड़क को लंबे समय से लटका कर रखा है। एक साल के अंदर तीन बार इस सड़क को लेकर अनशन, चक्का जाम भी हुए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए एनएचआई ने सड़क पर बने बड़े गड्ढों में केवल बड़े साइज का गिट्टी डालकर भरवा दिया। जिससे सड़क की दशा और भी बिगड़ गई। बैरिया से मांझी घाट तक कुल 19 किमी में एनएच-31 पर सैकड़ों गड्ढे बन गए हैं। बड़े वाहनों को कौन कहे बाइक सवार भी इस रूट पर सुरक्षित नहीं है। कई बैरियर होने के बाद भी प्रवेश कर जाते ओवरलोड ट्रक
मांझी के जयप्रभा सेतु के पास सेल टैक्स से लेकर अन्य कई बैरियर स्थापित हैं। चांददियर में पुलिस चौकी भी स्थित है। इसके बावजूद भी ओवरलोड ट्रक यूपी में बेराकटोक प्रवेश कर जाते हैं। वे ट्रक जब मांझी के सेतु से आगे बढ़ते हैं तो उनका सामना खराब सड़क से होता है और वे सड़क के बड़े गड्ढों में करवट लेकर फंस जाते हैं। इससे स्थानीय क्षेत्र के लोगों के काफी समस्या होती है। मरीज भी जाम में घंटों फंसे रहते हैं। क्षेत्रीय लोगों ने की मांग किया है कि जब तक एनएच बन नहीं जाता तब तक तो इस सड़क पर ओवरलोड ट्रकों का परिचालन प्रशासन बंद करा दें। इससे लोगों को भी राहत मिलेगी और जहां राष्ट्रीय राज मार्ग अच्छे हाल में हैं वह भी खराब होने से बच जाएगा।
एनएच संग मांझी सेतु भी हो चला खतरनाक
एनएच-31 के अलावा मांझी का जयप्रभा सेतु भी काफी खतरनाक हो चला है। सेतु के हर ज्वाइंट पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। पिछले दिनों तो एक ट्रक भी उसी गड्ढे में पड़कर सेतु के नीचे लटक गया था। जिसे जेसीबी से ऊपर लाया गया। इसके अलावा दर्जनों वाहन इस सेतु पर दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। दर्जनों लोगों की जान भी जा चुकी है। खास बात यह कि सेतु के गड्ढों का भरने के प्रति कोई भी विभाग सक्रिय नहीं है। एनएचएआइ के सभी प्रोजेक्ट भी सेतु से इधर ही रह जाते हैं। ऐसे में ट्रकों का परिचालन बंद करना इसलिए आवश्यक हैं कि ट्रक चालक लाल बालू का ओवर लोड लेकर लेकर इसी सेतु से यूपी में प्रवेश करते हैं।
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