नर्सरियां दे रहीं पर्यावरण संरक्षण का संदेश
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े सुधीर तिवारी
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बलिया : महर्षि भृगु की धरती पर लगने वाले ऐतिहासिक ददरी मेला केवल एक मेला ही नहीं है। इसमें पर्यावरण संरक्षण का बेहतर संदेश भी मिलता है। मेला के एक छोर पर हर साल नर्सरी लगती है। इसमें एक से बढ़कर एक पौधे आते हैं। इस नर्सरी की तरफ जाने वाला हर सख्त अपने हाथ में एक पौधा ले ही लेता है और उसे ले जाकर अपने बाग में लगातार है। सबसे बड़ी बात यह है कि मेला में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले बाग लगाने के लिए अच्छी क्वालिटी का पौधा खरीदते हैं। इस तरह के पौधों का लोगों का हर साल मेले में इंतजार रहता है। इस साल भी मेले में एक से बढ़कर एक पौधे नर्सरी में आ गए हैं। इनमें जमकर खरीदारी भी लोग कर रहे हैं। इन नर्सरियों में खेतों से लेकर घर के अंदर लगाने वाले पौधे मौजूद हैं। यहां से हरियाली का संदेश गांवों तक जाती है। ददरी मेले के पौधशाला में इस वर्ष पौधे व फूलों की भरमार है। लोगों को आकर्षित कर रह ये पौधे
मेले के पौधशाला में इस वर्ष विभिन्न प्रकार के पौधे और फूलों की भरमार है। इस बार दो बार फल देने वाले आम का पौधा थाइलेन है। जो हमेशा फल देता है। इसमें एक फल तोड़ने पर दूसरी डाल पर दूसरा फल तैयार होने लगता हैं।