अब तो हम मेहमान से भी पूछते है शुगर फ्री लेंगे क्या
शुगर, डायबिटीज या मधुमेह, मुख्यत: इन तीन नामों से चर्चित यह गंभीर बीमारी अब लगभग हर घरों तक पहुंच चुकी है। आलम यह है कि घर पर आने वाले मेहमानों से औपचारिक चाय देने से पहले पूछना मजबूरी हो गई है कि क्या आप शुगर फ्री लेंगे! इससे बचने को हर कोई दवा और योग संग संतुलित आहार का
जागरण संवाददाता, बलिया: शुगर, डायबिटीज या मधुमेह, मुख्यत: इन तीन नामों से चर्चित यह गंभीर बीमारी अब लगभग हर घरों तक पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की माने तो जिले में 15 प्रतिशत लोग इसकी चपेट में है। इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। आलम यह है कि हर घर पर आने वाले मेहमानों से औपचारिक चाय देने से पहले पूछना मजबूरी हो गई है कि क्या आप शुगर फ्री लेंगे। इससे बचने को हर कोई दवा और योग संग संतुलित आहार का सहारा लेने को विवश हैं और मीठा व मिठाई से लगभग हर कोई तौबा करने लगा है। भौतिकवादी जीवनशैली व अनियमित खानपान ने अधिकांश लोगों को इस बीमारी के गिरफ्त में ले लिया है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर नहीं छोड़ती। इसलिए ही इसे साइलेंट किलर कहा जाता है।
वेज-ननवेज नहीं अब लगेगा स्पाइसी व शुगर फ्री का स्टाल
मधुमेह के तेजी से बढ़ रहे मरीजों के कारण अब वह दिन दूर नहीं, जब लोग तमाम समारोह के तहत भोज स्टाल को वेज-नानवेज में बांटने के बजाय स्पाइसी व शुगर फ्री कैटेगरी में बांटेंगे।
फ्री में होता जांच
जिला अस्पताल में शुगर के मरीजों की जांच फ्री में होती है। इसके लिए सीएमएस ने सख्त निर्देश चिकित्सकों व कर्मचारियों को दे रखा है। कैसे होता है मधुमेह !
- शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो कि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही हार्मोन हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। मधुमेह के कारण इंसुलिन के कम निर्माण से हमारे ब्लड में शुगर अधिक हो जाती है क्योंकि शारीरिक ऊर्जा कम होने से ब्लड में शुगर जमा होती चली जाती है जिससे कि इसका निष्कासन मूत्र के जरिए होता है। इसी कारण डायबिटीज रोगी को बार-बार पेशाब आता है।
मधुमेह के लक्षण
- ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब का आना, आंखों की रोशनी कम होना, कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना, हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म, बार-बार फोड़ा-फुंसियां निकलना, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन आदि।
हर दिन योग व मार्निंग वाक संग लेते है नियमित दवा
- करीब तीन वर्ष से मधुमेह की गंभीर बीमारी से जूझ रहे राजकीय स्कूल के प्रधानाचार्य इंद्र प्रताप ¨सह इन्नू ने बताया कि सरकारी अस्पतालों के भरोसे तो इलाज होने से रहा। वे तीन वर्ष से नियमित दवा संग हर रोज योग व मार्निंग वाक करते हैं। वे दैनिक क्रिया के बाद हर दिन करीब पांच किलोमीटर तक टहलने के साथ योगासन से ही दिन की शुरुआत करते हैं। लापरवाही के कारण शरीर में जबरदस्त दर्द से अक्सर परेशान रहा करते थे ¨कतु अब वे एक हजार काम छोड़कर सबसे पहले समय से भोजन करते हैं और नियमित टहलना, योग व दवा लेने में कतई लापरवाही नहीं करते।
मधुमेह की अचूक इलाज योग
मधुमेह की अचूक इलाज है योग। खासकर मण्डूकासन, वक्रासन व कपालभाति करने से जल्द ही उक्त बीमारी से निजात मिल जाती है। मण्डूकासन में बज्रासन में बैठकर दोनों हाथों की मुट्ठी बंदकर नाभी के दोनों तरफ रखते हैं और श्वास बाहर की छोड़ते हुए नजरें सामने रखते हुए सामने की ओर झुकते हैं। थोड़ी देर इसी आसन में रहने के बाद वापस बज्रासन में आते है। ऐसा 5 से 7 बार करते है। इससे अग्न्याशय को सक्रिय करते हुए मधुमेह को दूर करने में सहायक है। - विनय --कुमार, योगाचार्य ------------वर्जन----
मधुमेह रोगियों को खान पान पर नियंत्रण रखना सबसे जरूरी है। इसके अलावा दिनचर्या में बदलाव व योग से इसे काफी हद नियंत्रित किया जा सकता है। समय- समय पर इसकी जांच भी आवश्यक है। यह रोग तेज से बढ़ रहा है। बताया कि जिले में आबादी के 15 प्रतिशत लोग इस रोग के चपेट में हैं।
-डा. मनोज कुमार, फिजीशियन, जिला अस्पताल।