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अब सफाईकर्मी पकड़ेंगे गांवों में भटक रहे बेसहारा पशु

गांवों में साफ-सफाई के लिए तैनात सफाईकर्मी अब अपने क्षेत्र में घूमने वाले बेसहारा पशु व गौवंश को पकड़ेंगे। पकड़े गए पशुओं को ग्राम पंचायत भवन पर ले जाएंगे। जिन गांवों में पंचायत भवन नहीं है, उन गांवों में किसी सार्वजनिक जगह या किसी प्राइवेट स्थान पर इन्हें रखा जाएगा। इनकी देखरेख की पूरी जिम्मेदारी प्रधान की होगी। पशुओं को चारे के लिए सरकार प्रधान के खाते में प्रति पशु 30 रुपया के दर से भेजेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 09:28 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 09:28 PM (IST)
अब सफाईकर्मी पकड़ेंगे गांवों में भटक रहे बेसहारा पशु
अब सफाईकर्मी पकड़ेंगे गांवों में भटक रहे बेसहारा पशु

जागरण संवाददाता, सागरपाली (बलिया) : गांवों में साफ-सफाई के लिए तैनात सफाईकर्मी अब अपने क्षेत्र में घूमने वाले बेसहारा पशु व गौवंश को पकड़ेंगे। पकड़े गए पशुओं को ग्राम पंचायत भवन पर ले जाएंगे। जिन गांवों में पंचायत भवन नहीं है, उन गांवों में किसी सार्वजनिक जगह या किसी निजी स्थान पर इन्हें रखा जाएगा। इनकी देखरेख की पूरी जिम्मेदारी प्रधान की होगी।

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पशुओं को चारे के लिए सरकार प्रधान के खाते में प्रति पशु 30 रुपये की दर से धन भेजेगी। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही पशु वध पर रोक होने के कारण गांवों में बेसहारा पशुओं की भरमार हो गई। यह पशु किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने लगे। इसके कारण लोग सरकार को कोसने लगे। इसकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इन पशुओं के लिए अलग से बजट देकर हर गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर इनके रखरखाव का निर्देश दिए हैं। नगर में भी आवारा पशुओं की धरपकड़ शुरू हो गई। अब प्रत्येक गांवों के प्रधानों व सफाईकर्मियों को इसके लिए निर्देश किया गया है। बोले लोग, सही नहीं सरकार के इंतजाम

-सरकार का यह फैसला तानाशाही है। सफाईकर्मी की ड्यूटी दिन में कुछ घंटों के लिए होती है। इस बीच वह गांवों की साफ-सफाई करेंगे या बेसहारा पशुओं को खिलाएंगे, उनकी अनुपस्थिति में पशुओं को कौन देखेगा।

दाउ ¨सह, प्रधान प्रतिनिधि, सागरपाली -जो सफाईकर्मी गांवों की सफाई नहीं कर पा रहे, वह खतरनाक पशुओं को कैसे पकड़ेंगे। इस महंगाई के जमाने में आदमी का पेट 30 रुपये में भर ही नहीं पा रहा। वहां पशुओं का चारा 30 रूपए में कैसे आएगा। सरकार विकास न कर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। इससे चारा महंगा होगा और अन्य पशुपालकों को परेशानी झेलना होगी।

अदालत ¨सह -बिना संसाधन के पशुओं को पकड़ना अपनी जान जोखिम में डालने के समान है, सरकार सफाईकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।

संतोष यादव, सफाईकर्मी शासन के निर्देश पर खेतों व गांवों में घूमने वाले बेसहारा पशुओं को सफाईकर्मी पकड़कर पंचायत भवन या सार्वजनिक स्थान पर रखेंगे। इनकी देखरेख की व्यवस्था प्रधान को करनी है। इसके लिए धन प्रधान के खाते में जाएंगे।

राजेश यादव,

बीडीओ,हनुमानगंज


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