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नो वर्क -नो पे का सिद्धांत होगा लागू

जासं, बलिया: कतिपय कर्मचारी संगठनों द्वारा हड़ताल की संभावनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी ने एक आदेश जारी किया है। शासन के निर्देश के क्रम में उन्होंने सभी विभागाध्यक्ष को अपने कर्मचारियों की ड्यूटी पर नजर रखने को कहा है। स्पष्ट किया है कि अगर कोई कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है तो'नो वर्क नो पे'का सिद्धांत लागू होगा। यानी हड़ताल अवधि का वेतन काट दिया जाएगा। यह भी बताया है कि कर्मचारी सेवक आचरण नियमावली के अनुसार कोई भी कर्मचारी हड़ताल करेगा और ना ही कार्य धीरे करने या अन्य कर्मी को करने के लिए उकसाएगा। अगर ऐसा कोई करता है तो विभागीय अधिकारी उस पर कार्रवाई सुनिश्चित कराएंगे। अगर कोई कर्मचारी धरना प्रदर्शन या हड़ताल में जाने के लिए अवकाश मांगता है तो कतई स्वीकृत ना किया जाए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 06:55 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 06:55 PM (IST)
नो वर्क -नो पे का सिद्धांत होगा लागू

जासं, बलिया: कतिपय कर्मचारी संगठनों द्वारा हड़ताल की संभावनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी भवानी ¨सह खंगरौत ने बुधवार को एक आदेश जारी किया। शासन के निर्देश के क्रम में उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को अपने कर्मचारियों की ड्यूटी पर नजर रखने को कहा है। स्पष्ट किया है कि अगर कोई कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है तो'नो वर्क- नो पे'का सिद्धांत लागू होगा यानी हड़ताल की अवधि का वेतन काट दिया जाएगा।

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डीएम की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि कर्मचारी सेवक आचरण नियमावली के अनुसार कोई भी कर्मचारी हड़ताल करेगा या ड्यूटी के दौरान धीरे कार्य करने अथवा अन्य कर्मियों को उकसाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर ऐसा कोई करता है तो विभागीय अधिकारी उस पर कार्रवाई सुनिश्चित कराएंगे। अगर कोई कर्मचारी धरना प्रदर्शन या हड़ताल में जाने के लिए अवकाश मांगता है तो कतई स्वीकृत न किया जाए।

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जनता ने कहा, हड़तालियों को करें बर्खास्त

बलिया : बुधवार को आंदोलनरत कर्मचारियों व अधिकारियों के कार्यालय से गायब रहने व काम न करने के कारण आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अपने काम के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे फेफना के गंगाराम ¨सह, जीराबस्ती के अश्विनी चौबे, सागरपाली के मोहन साव, बिल्थरारोड के पवन बरनवाल, रसड़ा के शकील अहमद सहित दर्जनों लोगों को निराश होकर अपने घर लौटना पड़ा। आक्रोशित नागरिकों ने मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी से आग्रह किया कि जनता की गाढ़ी कमाई पर मोटी तनख्वाह पाने वाले आंदोलनरत कर्मचारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाय। लोगों का कहना था कि अधिकांश सरकारी कर्मचारी व अधिकारी नौकरी पाने के बाद लापरवाह हो जाते हैं। कभी भी समय से कार्यालय में ड्यूटी पर उपस्थित नहीं होते। आए दिन वेतन व भत्ते बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल व आंदोलन करते हैं जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए ऐसे लापरवाह कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर लाखों बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी जाय।


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