जीवन में सफलता के लिए भाई, सहयोगी व अच्छे सेवक की जरूरत
अहिल्या प्रसंग के माध्यम से वर्तमान समय में नारियों पर हो रहे अत्याचार को किया रेखांकित -इतिहास में भी बलात्कारियों को भुगतनी पड़ा सजा, फिर वो देवता ही क्यूं न हो: प्रेम भूषण जी महाराज
जागरण संवाददाता, बलिया: टीडी कालेज के मैदान में चल रहे श्रीराम कथा यज्ञ में कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने अहिल्या का अद्भुत चित्रण किया।
कहा कि जीवन मे सफलता के लिए तीन ऐसे सहयोगी आवश्यक है। भरत जैसा भाई हो जो प्रभु राम की सोच के अनुरूप कार्य करें। भगवान राम जो सोचते थे भरत जी वहीं कर देते थे। लक्ष्मण जैसा सहयोगी चाहिए। क्योंकि लक्ष्मण जी बिना समय गंवाये और कुछ सोचे वह कार्य कर जाते थे जो भगवान राम के लिए जरूरी था।
पांचवें दिन कथावाचक ने कहा कि सेवक अगर हो तो हनुमान जी की तरह होना चाहिए। भगवान ने आदेश किया यह काम करना है तुरंत बोलते थे हो जाएगा। समुद्र के पार जाना है या संजीवनी बूटी लानी है किसी भी काम में सवाल नहीं किया। बस काम को करके ही दम लिया । इससे पहले कथावाचक ने अहिल्या प्रसंग के माध्यम से वर्तमान समय मे नारियों पर हो रहे अत्याचार को भी रेखांकित करके समाज और उपस्थित जन समुदाय को सुरसा के मुंह की तरह विकराल हो रही इस समस्या के प्रति सजग और जागृत होने का आह्वान किया। उन्होंने रामायण की कई कथाओं का समावेश किया गया हैं उनमें से एक हैं देवी अहिल्या के उद्धार की कहानी जो आज के समय से जोड़कर देखिए तब आपको भी समझ आएगा कि इतिहास में भी बलात्कारियों को युगों-युगों तक सजा का भुगतान करना पड़ा हैं फिर वो देव ही क्यूं ना हो। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर ¨सह व मंत्री स्वाति ¨सह के सौजन्य से आयोजित कथा में यजमान की भूमिका पिता ¨वध्याचल ¨सह व माता तेतरी ¨सह ने निभाई। कथा में सूबे के पशुपालन मंत्री एस.पी.¨सह बघेल, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद शंकर दुबे, लक्ष्मण ¨सह, धर्मेन्द्र ¨सह, राजेश गुप्ता, राजाराम ¨सह,अरुण ¨सह बंटू, विजय बहादुर ¨सह, ईश्वरन श्री आदि की भागीदारी रही।