नौरंगा गांव यूपी में, बिहार के डाकघर से चलता है काम
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): बैरिया तहसील में गंगा उस पार है नौरंगा गांव, जो भले ही यू
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): बैरिया तहसील में गंगा उस पार है नौरंगा गांव, जो भले ही यूपी में है, ¨कतु वहां चिट्ठियां या अन्य जरूरी कागजात बिहार के डाकघर से ही आ पाते हैं। वजह कि इनकी सीमा में कोई डाकघर ही नहीं है। सरकारी लिखापढ़ी में डाकघर दयाछपरा जरूर है, लेकिन दयाछपरा इस पार है और नौरंगा गांव गंगा के उस पार है। दया छपरा पोस्ट आफिस गंगा पार कर पांच किमी की दूरी तय करने पर मिलता है। फलस्वरूप इस पते से आने वाले पत्रों को डाकघर वाले गंगा पार कर पहुंचाने की जहमत ही नहीं उठाना चाहते हैं। अगर पंजीकृत पत्र न हो तो शायद ही नौरंगा, चक्की नौरंगा व भुवाल छपरा के लोगों को यूपी के डाकघर से चिट्ठियां मिल पाती हैं। ऐसे में यहां के लोग अपने पते में गांव-नौरंगा, पोस्ट- कारनामेपुर जिला-बक्सर, बिहार व जिला बलिया भी लिखते हैं, तो उनके कागजात बिहार के पोस्ट आफिस से भी प्राप्त हो जाते हैं। यहां के लोग स्वयं बिहार के डाकघर में जाकर पता करते हैं कि उनकी कोई चिट्ठी या कागजात तो नहीं है। बिहार सीमा के पोस्ट आफिस कर्मचारी नेक दिल हैं, उन्हें पता है कि यह गांव यूपी में हैं, फिर भी वह इनकी मदद कर देते हैं। वजह कि बिहार सीमा के कारमानेपुर के डाकघर से नौरंगा की दूरी वहां से महज दो किमी है।
मंत्री की घोषणा को अमल में नहीं ला सका डाक विभाग
तीन मार्च को बैरिया की एक जनसभा में भारत सरकार के संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने घोषणा की थी कि 31 मार्च के पहले नौरंगा में बलिया मुख्य डाकघर से जुड़ा उप डाकघर खोल दिया जाएगा, ¨कतु इस बाबत कोई पहल होती नहीं दिख रही। संचार विभाग को संचार राज्यमंत्री द्वारा इस संबंध में कोई निर्देश ही जारी नहीं किया गया। केवल लोगों को खुश करने के लिए मंच से यह घोषणा जरूर कर दी गई। वहां के लोगों का कहना है कि संचार राज्यमंत्री उनके अपने हैं, नौरंगा के लोगों से उनका आत्मीय संबंध हैं। बावजूद इसके उनकी घोषणा यहां की धरती पर नहीं उतर सकी तो अन्य नेताओं के विषय में क्या कहा जाए।