Move to Jagran APP

आग व बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर द्वाबा के लाखों लोग

रूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्गरूद्बद्यद्यद्बश्रठ्ठह्य श्रद्घ श्चद्गश्रश्चद्यद्ग

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 10:34 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 10:34 PM (IST)
आग व बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर द्वाबा के लाखों लोग
आग व बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर द्वाबा के लाखों लोग

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : गर्मी के मौसम में आग का तांडव और बरसात में बाढ़ का कहर झेलने को मजबूर क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के लाखों की आबादी तिल-तिल कर जीने को मजबूर है।

loksabha election banner

आजादी के सात दशक बीत जाने के बावजूद अभी तक दोनों बड़ी समस्याओं से निजात नहीं मिल पाई है, जबकि सियासतदान व शासन-प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग हर चुनाव से पहले इस समस्या का समाधान का वादा यहां की जनता-जनार्दन से करते हैं। गंगा व घाघरा के बीच बसे बैरिया विधानसभा के लगभग 100 गांव हर साल बरसात के दिनों में बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं। करोड़ों की खरीफ की फसल बाढ़ में डूबकर नष्ट हो जाती है। सैकड़ों आशियाने बाढ़ के पानी में समा जाते हैं। कम से कम आधा दर्जन लोगों की जान प्रतिवर्ष बाढ़ के पानी में डूबने से चली जाती है, कितु बाढ़ के स्थाई समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं होती है। धरातल पर बाढ़ से बचने के लिए कोई ठोस काम नहीं हो जाता है।

दूसरी तरफ गर्मी के मौसम में अप्रैल से जून तक आग की लपटों में समाकर सैकड़ों घर राख हो जाते हैं, करोड़ों की रबी की फसल खाद्यान्न, कपड़े, अनाज जल जाते हैं। सैकड़ों पशु और कम से कम आधा दर्जन लोग विशेषकर बच्चे आग में जिदा जलकर मर जाते हैं, कितु सरकार अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर नहीं है। अभी हाल ही में सेमरिया में अगलगी की घटना में दो बच्चे जिदा जलकर मर गए थे। दूसरी तरफ अन्य गांवों में भी मवेशियों, लोगों के जलने-मरने की घटनाएं अगलगी के कारण होती रही है, परंतु स्थाई समाधान के लिए कुछ भी नहीं हो पा रहा है। एक साल से इब्राहिमाबाद में अग्निशमन केंद्र बनकर तैयार है, कितु सरकार की उदासीनता के कारण वह चालू नहीं हो पाया है। सत्ता में बैठे लोगों को शायद यह अहसास नहीं है कि जनहित में इस अग्निशमन केंद्र को चालू कराया जाए, ताकि अगलगी की घटनाएं में कम नुकसान हो। देखना है कि पूरा संसार जब चांद सितारों पर बसने की तैयारी कर रहा है, ऐसे में यहां के लोग कब तक अगलगी की घटनाओं व बाढ़ की त्रासदी झेलते हैं। जल्द चालू किया जाएगा अग्निशमन केंद्र : विधायक

बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह से जब जागरण ने इब्राहिमाबाद में बनकर तैयार अग्निशमन केंद्र को चालू करने के संदर्भ में पूछा तो उन्होंने कहा कि इस बाबत मैं प्रमुख सचिव से मिलकर आग्रह कर चुका हूं। आदर्श आचार संहिता के कारण शायद यह चालू नहीं हो पाया है। जल्द ही प्रमुख सचिव व मुख्यमंत्री से मिलकर इसे चालू कराने का आग्रह करूंगा।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.