नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन, सरकार विरोधी नारे
जागरण संवाददाता बलिया नए कृषि कानून के विरोध में विपक्षी दल व कई संगठन पूरी तरह लामबंद
जागरण संवाददाता, बलिया : नए कृषि कानून के विरोध में विपक्षी दल व कई संगठन पूरी तरह लामबंद हो गए हैं। सोमवार को नए कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सरकार विरोधी नारे लगाए गए। लोगों ने भाजपा सरकार की नीतियों को आम जनता व किसानों के खिलाफ बताया।
बांसडीह प्रतिनिधि के अनुसार जिला किसान फ्रंट ने रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उत्तेजित कार्यकर्ताओं ने उप जिलाधिकारी बांसडीह को ज्ञापन सौंपा। रैली का नेतृत्व कर रहे किसान फ्रंट के जिलाध्यक्ष जनार्दन सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने व कृषि लागत से 50 फीसद अधिक पर एमएसपी देने का वादा किया था लेकिन किसानों को लाभकारी मूल्य देना तो दूर सरकार ने तीन नए कृषि कानून बनाकर खेती व खेत पूरी तरह से देशी-विदेशी पूंजीवादी कंपनियों के हवाले कर दिया है।
उप जिलाधिकारी बांसडीह दुष्यंत मौर्य को दिए गए पत्रक में तीनों कृषि कानून रद करने, कृषि लागत सस्ता करने, पराली जलाने वाले किसानों के जुर्माने को वापस करने, किसानों के हित में क्रय केंद्र को 12 महीने खोलने के साथ ही दिल्ली आंदोलन में मृत किसानों को शहीद का दर्जा देने की मांग की गई है। बांसडीह तहसील अध्यक्ष बलराम सिंह ने कहा कि एमएसपी की गारंटी के बगैर मंडी के बाहर बड़ी कंपनियों की खरीदारी की छूट दे दी गई है। रैली में प्रनेश कुमार सिंह, विपिन सिंह, जितेंद्र सिंह झमन, ललन सिंह, अमृत आनंद सिंहा, अतहर अली, संतोष कुमार सिंह, बली सिंह सहित सैकड़ों किसान शामिल थे।
उधर उजियार घाट पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव पं.राजीव उपाध्याय की अध्यक्षता में हुई बैठक में नया कृषि कानून वापस लेने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार आम जनता व किसानों के खिलाफ नीतियां बना रहीं हैं। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।