रहवासी इलाकों में हो रहा पटाखों का अवैध भंडारण
दीपावली नजदीक आते ही शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पटाखों का अवैध भंडारण शुरू हो गया है। अधिक कमाई के चक्कर में लोग सुरक्षा को नजर अंदाज कर रहवासी इलाकों में चोरी-छिपे पटाखा जमा कर रहे हैं। शहर के बीचोबीच स्थित गोदाम हो या मकान हर जगह पटाखा व्यवसाईयों द्वारा अवैध भंडारण का खेल किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बलिया: दीपावली नजदीक आते ही शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पटाखों का अवैध भंडारण शुरू हो गया है। अधिक कमाई के चक्कर में लोग सुरक्षा को नजर अंदाज कर रहवासी इलाकों में चोरी-छिपे पटाखा जमा कर रहे हैं। शहर के बीचोबीच स्थित गोदाम हो या मकान हर जगह पटाखा व्यवसाईयों द्वारा अवैध भंडारण का खेल किया जा रहा है। हाल ही में जिले के बांसडीह तहसील अंतर्गत संचालित हो रहे एक कोचिग सेंटर से पुलिस ने मात्रा में पटाखा बरामद किया था। आम आदमी की सुरक्षा को ताख पर रख कर रहवासी क्षेत्रों में हो रहे भंडारण के प्रति पुलिस प्रशासन की लापरवाही किसी भी दिन भारी पड़ सकती है। आश्चर्य की बात तो यह है कि पूर्व में हुई घटनाओं से जिला प्रशासन सबक नहीं ले रहा है और कुंभकर्णी नींद में है।
मकान में रखे जाने वाले पटाखों में पहुंची एक चिगारी कभी तबाही मचा सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है। शहर के कदम चौराहा से नंदी ग्राम जाने वाले मार्ग के आसपास के इलाका सहित शहर के कुछ विशेष क्षेत्रों में दुकानदारों द्वारा पटाखों का अवैध भंडारण किया जाता है। यानी सरकारी फरमान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। मानक के अनुसार भीड़भाड़ वाले इलाकों में दुकान खोलने व गोदाम बनाने की मनाही है। वहीं विस्फोटक होने के कारण दुकान संचालन से पूर्व जिला प्रशासन की अनुमति लेनी पड़ती है, जो खुले में ही दुकान संचालन की अनुमति देता है। वहीं दुकान में अग्निशमन का व्यापक प्रबंध होना चाहिए। इनसेट
बरामद हो चुका है लाखों का पटाखा
जिले के बांसडीह तहसील स्थित कचहरी के पास संचालित एक कोचिग सेंटर से पुलिस ने करीब एक माह पूर्व 15 सितम्बर को लाखों का अवैध पटाखा बरामद किया था। घनी आबादी के बीच बगैर अनुमति रखे गए पटाखे के जखीरा को देखकर पुलिस की आंख फटी की फटी रह गई थी। पुलिस ने दुकानदार व गोदाम मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उक्त घटना के बाद लोगों में तरह की चर्चाएं होने लगी थी। उम्मीद थी की प्रशासनिक अमला अवैध करोबारियों के खिलाफ अभियान चलाकर इस प्रकार के भंडारण को रोकने का काम करेगा। पर अफसोस रात गई बात गई की तर्ज पर पुलिस प्रशासन एक बार फिर मौन साध लिया है जो कभी भी लोगों के लिए घातक हो सकता है।