धड़ल्ले से संचालित हो रहे अवैध शिक्षण संस्थान
शैक्षिक व्यवस्था को सुधारने के सरकारी दावे वास्तविकता के धरातल पर औंधे मुंह ही नजर आ रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र दुबहड़ में बगैर मानक व मान्यता के धड़ल्ले से अवैध विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बांसडीहरोड (बलिया): शैक्षिक व्यवस्था को सुधारने के सरकारी दावे वास्तविकता के धरातल पर औंधे मुंह ही नजर आ रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र दुबहड़ में बगैर मानक व मान्यता के धड़ल्ले से अवैध विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। क्षेत्र के मझौली, घोरौली, चकरी, बांसडीहरोड, हरपुर, रुस्तमपुर, दवनी, शेर व बलीपुर में ऐसे शिक्षण संस्थानों की बाढ़ सी आ गई है। इसे सुविधा दुर्व्यवस्था कहें या जिम्मदारों की स्वेच्छाचारिता समझ से परे है। पवर विभागीय लापरवाही की वजह से वर्षों से इस क्षेत्र में अवैध विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। नियमों को ताख पर रखकर ऐसे शिक्षण संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। आलम यह है कि इनके खिलाफ शिकायतों के बाद भी विभागीय कोई कार्रवाई नहीं करते। क्षेत्रीय प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि ऐसे विद्यालय शिक्षाधिकारियों के लिए कामधेनु सरीखे हैं।