स्वास्थ्य से करते हैं प्यार तो अपना लीजिए मिट्टी के पात्र
सुधीर तिवारी बलिया हमारे पूर्वज पहले मिट्टी के बर्तन में ही खाना बनाकर खाते थे। इसके चलते
सुधीर तिवारी
बलिया: हमारे पूर्वज पहले मिट्टी के बर्तन में ही खाना बनाकर खाते थे। इसके चलते वह पूरी तरह स्वस्थ भी रहते थे। बदलते जमाने में खाना बनाने के पात्रों में भी बदलाव हो गया। इसके कारण तरह-तरह की बीमारियां भी फैलने लगी। आधुनिकता का हमारे जीवन पर इतना प्रभाव पड़ा है कि न केवल हमारे रहन-सहन के तरीके में बदलाव आया है बल्कि हमारे खान-पान का तरीका भी पूरी तरह से बदल गया है। पहले महिलाएं खाना बनाने के लिए चूल्हे और मिट्टी के बर्तन का प्रयोग करती थीं। इनकी जगह गैस चूल्हों, फ्रिज और ओवन ने ले लिया है।
आज के समय में रोटी बनाने के लिए हर कोई लोहे या नॉन स्टिक तवे का इस्तेमाल करता है। तरक्की के साथ लोगों के किचन से मिट्टी के बर्तनों मानो गायब हो गए हैं। अब लोगों में मिट्टी के बर्तनों में बना खाना पसंद आने लगा है। इसको देखते हुए बाजार में दोबारा से मिट्टी के बर्तनों का चलन आ गया है। महिलाएं खाना बनाने से लेकर खाना खाने तक और पानी के लिए भी मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करने लगी हैं। शहर के टाउन हाल के पास इस तरह के मिट्टी पात्रों बेचने वाले कन्हैया कुम्हार की दुकान पर खरीददार जुटने लगे हैं। इसके दुकान पर मिट्टी के गिलास, कप प्लेट, कड़ाही, तावा, बोतल, कुकर, थाली व खाना रखने के पात्र आदि बिक रहे है। वैसे वे मिट्टी के पात्र खुद भी बनाते है लेकिन इसकी मांग को देखते हुए आजमगढ़ से खरीद कर काफी संख्या में पात्र ला रहे हैं।
दो प्रकार के बनते हैं मिट्टी के पात्र
मिट्टी के बर्तन दो प्रकार से बनाए जाते हैं। एक तो परंपरागत चाक पर जैसा कुम्हार बनाते हैं। दूसरा मिट्टी के बर्तन अब फैक्ट्री में डाई से यानी खांचे द्वारा भी बनाए जा रहे हैं। दोनों तरह के मिट्टी के बर्तन मजबूत होते हैं लेकिन जो हाथ से बने होते हैं, वे ज्यादा मजबूत होते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा अच्छे तरीके से भट्टी में पकाया जाता है।
मिट्टी के बर्तन से चमकता भाग्य भी
पं. वेद प्रकाश पांडेय बताते हैं कि आपके घर में रखे मिट्टी के बर्तन भी आपका भाग्य चमका सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार मिट्टी के बर्तनों को बहुत पवित्र माना गया है। घर में रखें मिट्टी के बर्तन एक तरफ जहां आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं बल्कि इनके घर या ऑफिस में होने से गुडलक, धन-वैभव, सफलता सब कुछ हासिल किया जा सकता है। पूजा घर से लेकर विवाह के मौके पर पूजा के लिए इस्तेमाल किए जानें वाले सभी बर्तन मिट्टी के होते हैं।
लोगों को मिट्टी के बर्तन के लिए जागरूक कर रही इनरह्वील संस्था
दिवाली त्योहार को देखते हुए मिट्टी के बर्तन व पात्रों के लिए इनरह्वील संस्था लोगों को पूरी तरह से जागरूक करने में जुटी हुई है। संस्था की नंदनी तिवारी ने बताया कि इसके खरीददारी के लिए लोगों को जागरूक सोशल मीडिया से किया जा रहा है। वहीं अन्य सदस्य कुम्हार के पास से जाकर उसका उत्साहवर्धन भी कर रहे हैं।