तेरे नाम से जी लूं, तेरे नाम से मर जाऊं..
डीएसईटी पब्लिक स्कूल सोबईबांध करनई में मंगलवार की शाम कैलाश खेर के नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम में सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने अपनी गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करने पर मजबूर कर दिया। तेरे नाम से जी लूं तेरे नाम से मर जाऊं हीरे मोती मैं ना चाहूं मैं तो चाहूं संगम तेरा प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी हो गई मैं मतवारी जैसे गीतों से श्रोताओं पर ऐसा जादू डाला कि श्रोता भी सूफियाना अंदाज में हो गए।
जागरण संवाददाता, सुखपुरा (बलिया): डीएसईटी पब्लिक स्कूल सोबईबांध करनई में मंगलवार की शाम कैलाश खेर के नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम में सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने अपनी गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करने पर मजबूर कर दिया। तेरे नाम से जी लूं, तेरे नाम से मर जाऊं, हीरे मोती मैं ना चाहूं, मैं तो चाहूं संगम तेरा, प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी हो गई मैं मतवारी जैसे गीतों से श्रोताओं पर ऐसा जादू डाला कि श्रोता भी सूफियाना अंदाज में हो गए।
कार्यक्रम के आखिरी में तो सूफी गायक ने लोगों को इस कदर मुग्ध कर दिया कि जाड़े की ठिठुरन का परवाह न कर लोग अपनी कुर्सियों से उठकर नाचने लगे। श्रोताओं की फरमाइश पर लगातार उन्होंने अपने कई बेहतरीन गानों से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने स्मृति चिह्न देकर कैलाश खेर को सम्मानित किया। इस मौके पर आदित्य मिश्रा, डॉ. विजय तिवारी, विनय तिवारी, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. डी राय, एके पांडेय, प्रधानाचार्य अनुभव दुबे आदि विशिष्ट जन मौजूद थे।