भगवन नाम संकीर्तन से मानव के दूर हो जाते सारे कष्ट
- ॥ह्वद्वड्डठ्ठ ह्यह्वद्घद्घद्गह्मद्बठ्ठद्द द्दद्गह्लह्य ह्मद्गद्वश्र1द्गस्त्र द्घह्मश्रद्व ह्लद्धद्ग ठ्ठड्डद्वद्ग श्रद्घ द्दश्रस्त्र- ॥ह्वद्वड्डठ्ठ ह्यह्वद्घद्घद्गह्मद्बठ्ठद्द द्दद्गह्लह्य ह्मद्गद्वश्र1द्गस्त्र द्घह्मश्रद्व ह्लद्धद्ग ठ्ठड्डद्वद्ग श्रद्घ द्दश्रस्त्र- ॥ह्वद्वड्डठ्ठ ह्यह्वद्घद्घद्गह्मद्बठ्ठद्द द्दद्गह्लह्य ह्मद्गद्वश्र1द्गस्त्र द्घह्मश्रद्व ह्लद्धद्ग ठ्ठड्डद्वद्ग श्रद्घ द्दश्रस्त्र- ॥ह्वद्वड्डठ्ठ ह्यह्वद्घद्घद्गह्मद्बठ्ठद्द द्दद्गह्लह्य ह्मद्गद्वश्र1द्गस्त्र द्घह्मश्रद्व ह्लद्धद्ग ठ्ठड्डद्वद्ग श्रद्घ द्दश्रस्त्र- ॥ह्वद्वड्डठ्ठ ह्यह्वद्घद्घद्गह्मद्बठ्ठद्द द्दद्गह्लह्य ह्मद्गद्वश्र1द्गस्त्र द्घह्मश्रद्व ह्लद्धद्ग ठ्ठड्डद्वद्ग श्रद्घ द्दश्रस्त्र- ॥ह्वद्वड्डठ्ठ ह्यह्वद्घद्घद्गह्मद्बठ्ठद्द द्दद्गह्लह्य ह्मद्गद्वश्र1द्गस्त्र द्घह्मश्रद्व ह्लद्धद्ग ठ्ठड्डद्वद्ग श्रद्घ द्दश्रस्त्र
जागरण संवाददाता, बलिया : स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि कलियुग में हरिनाम संकीर्तन ही मानव को सभी कष्ट से दूर कर सकता है। आस्था के साथ किया गया भजन कभी बेकार नहीं जाता है। इससे कष्ट से मुक्ति मिलने की राह आसान हो जाती हैं। वे शुक्रवार को शहर के हनुमानगढ़ी मंदिर में चल रहे एक माह के संकीर्तन के पावन अवसर पर भक्तों के बीच प्रवचन के दौरान बोल रहे थे। कहा कि भगवान से जुड़ने का सबसे सरल माध्यम संकीर्तन ही हैं। इससे मानव व भगवान की बीच की दूरी कम होती है। हनुमान चालीसा का पाठ इस कलियुग में सबसे कारगर है। इसके पढ़ने से घर के अंदर सुख व शांति का वास होता है। मानव को प्रतिदिन कम से 11 बार हनुमान चलीसा का पाठ करना चाहिए। इससे हर तरह के कष्ट से मानव को मुक्ति मिल जाती है। स्वामीजी ने कई प्रसंग के माध्यम से भी भक्तों को भगवान की महिमा को बताया। साथ ही अपने साथ हुई घटना को भी सुनाया। कहा कि व्यस्त समय में से मानव को एक समय ऐसा निकालना चाहिए। उस निर्धारित समय पर बस भगवान का भजन ही करें। इससे मानव को फल ही फल मिलता है। इसके पूर्व भक्तों ने स्वामीजी की आरती उतारी। इस मौके पर वीरेंद्र, प्रमुख संघ के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र राय उर्फ गुड्डू, आशुतोष शुक्ला, विनोद पाण्डेय, बच्चाजी, अरविद सिंह, मैनेजर यादव, यादवेंद्र उपाध्याय, बृजेश पूरी, मगन पांडेय आदि मौजूद थे।