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यहां सिर्फ सम्मान से ही भरता है जनता का पेट

सलेमपुर लोकसभा में शामिल बलिया का विधान सभा बिल्थरारोड युवा तुर्क पूर्व पीएम चंद्रशेखर का गृह विधानसभा क्षेत्र है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 332717 है। जिसमें पुरुष 1

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 05:25 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 05:25 PM (IST)
यहां सिर्फ सम्मान से ही भरता है जनता का पेट

विजय मद्धेशिया

loksabha election banner

बिल्थरारोड (बलिया) : सलेमपुर लोकसभा में शामिल बलिया का विधानसभा बिल्थरारोड युवा तुर्क पूर्व पीएम चंद्रशेखर का गृह विधानसभा क्षेत्र है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3,32,717 है। जिसमें पुरुष 181862 व महिला मतदाता 150853 हैं। वहीं अन्य मतदाता दो हैं। हर चुनाव में नेता वादों की तो बरसात कर देते हैं लेकिन इस विधान सभा की धरती पानी को ही तरसती है। घाघरा नदी किनारे हजारों बिगहा भूमि पर्याप्त पानी बिन सिचाई की राह ताकते रहती है। आज तक बड़े स्तर से इस मामले पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। लोकसभा चुनाव में विधानसभा वासी कई समस्याओं को लेकर खड़े हैं।

चुनिदा मुख्य सड़कों को छोड़कर अधिकांश संपर्क मार्ग व लिक सड़कों की हालत जर्जर है। गांवों में झोपड़पट्टी का बसेरा है। कोई उद्योग व कारखाना नहीं है। बावजूद यहां विकास की बात न करिए जनाब। यहां तो सिर्फ राजनीति व मान-सम्मान की बातों से ही जनता का पेट भर जाता है। सन् 1994 में तत्कालीन राज्यमंत्री शारदानंद अंचल के कार्यकाल में लोगों के संघर्ष के बाद रसड़ा से अलग होकर बिल्थरारोड जनपद का नया तहसील बना और सन 2012 में सीयर विधानसभा का नामकरण बिल्थरारोड विधानसभा के रूप में हो गया लेकिन अब तक यहां की राजनीति सिर्फ सड़क, बिजली व पानी तक ही सीमित है।

मऊ की कृपा पर हो पाती है सिचाई

बिल्थरारोड के दियारा के घाघरा किनारे से आज प्रदेश के तीन जनपद बलिया, मऊ व देवरिया को सफेद बालू की सप्लाई हो रही है और सरकार को करोड़ों के राजस्व का मुनाफा हो रहा है। यहां का अधिकांश क्षेत्र आज भी कटान से प्रभावित है और दोहरीघाट पंप कैनाल मऊ से यहां की हजारों बिगहा भूमि सिचाई के लिए निर्भर है। अधिकांश माइनर व नहरों में टेल तक पानी नहीं पहुंचता। जिसके कारण घाघरा किनारे होते हुए भी यहां के किसान भगवान भरोसे बारिश होने की ही टकटकी लगाएं रहते हैं।

हम तो यहां वादों पर ही हर बार मारे गए

-इस विधान सभा के निवासी उज्जवल कुमार कहते हैं कि बिल्थरारोड तहसील में तत्कालीन सरकार द्वारा ग्राम न्यायालय की स्वीकृत होने एवं 2016 में इसके भवन निर्माण हेतु करीब 6.27 करोड़ रूपया स्वीकृत होने के बावजूद अब तक यहां इसके लिए भूमि तक नहीं खोजी जा सकी। एक बार फिर चुनाव में वादों की बरसात है।

-बिल्थरारोड के ही भोजपुरी अभिनेता यश मिश्रा कहते हैं तत्कालीन सपा सरकार में जनपद के 18वें ब्लाक के रूप में भीमपुरा की घोषणा तो हो गई। इसके लिए अधिसूचना भी जारी हो गया और भूमि भी आवंटित हो गई लेकिन सरकार बदलते ही राजनीतिक पेंच के कारण अब तक इसका संचालन नहीं हो सका। -इसी क्षेत्र के निवासी जिशान मजहर कहते हैं बलिया जनपद के आखिरी छोर होने के कारण अगलगी की घटना से निपटने को अग्निशमन केंद्र स्थापना का आश्वासन तो कई बार मिला कितु अब तक कोई ठोस पहल न हो सकी। बिल्थरारोड निवासी निलेश कुमार कहते है कि जनपद के सदर समेत छह तहसीलों में एकलौता व अलहदा बिल्थरारोड तहसील है। जहां अलग सीओ सर्किल का सृजन नहीं हो सका और अब तक यह रसड़ा सीओ सर्किल का ही हिस्सा बना हुआ है।


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