हॉलमार्किंग से सोने की शुद्धता की पहचान आसान, नियम लागू
जागरण संवाददाता बलिया हॉलमार्किंग को लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। 16 जून स
जागरण संवाददाता, बलिया : हॉलमार्किंग को लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। 16 जून से अब कोई भी बिना हॉलमार्किंग सोना नहीं बेच पाएगा। सोने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार की तरफ से यह नियम लागू किया गया है। इससे ग्राहक और दुकानदार दोनों को फायदा होगा। अब कोई व्यक्ति आसानी से सोने की शुद्धता की पहचान कर सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो प्रति ज्वेलरी हॉलमार्क का खर्च 35 रुपये आता है। बलिया में इसके दो लैब अभी तक खुले हैं। सर्राफा व्यवसायियों ने बताया कि इस मार्क के बाद अब आभूषणों की शुद्धता पर कोई संदेह नहीं रह जाएगा।
क्या है हॉलमार्किंग
असली हॉलमार्क पर बीआइएस का तिकोना निशान होता है। हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) करती है। हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। वर्जन-
-हॉलमार्क से दुकानदार और खरीदार दोनों को फायदा है। सोने की खरीदारी करते समय अधिकांश ग्राहक यही सवाल करते हैं कि इसमे शुद्धता की गारंटी है न, अब इस तरह के सभी सवाल स्वत: समाप्त हो जाएंगे।
-रितेश सोनी
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-सरकार की यह अच्छी व्यवस्था है। हॉल मार्किंग से फायदा यह है कि जब आप इसे बेचने जाएंगे तो किसी तरह की डेप्रिसिएशन कॉस्ट नहीं काटी जाएगी, वाजिब दाम मिलेगा।
-अशोक सर्राफ
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-उपभोक्ताओं को नकली उत्पादों से बचाने और कारोबार की निगरानी के लिए हॉलमार्किंग बेहद जरूरी है। हॉलमार्किंग से गुणवत्ता सही मिलेगी। अब सभी को अलग से लाइसेंस लेने की जरूरत पड़ेगी।
-राहुल सर्राफ
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-हॉलमार्क से सोने के बाजार की चमक बढ़ेगी। हॉलमार्किंग से ग्राहक और सर्राफा व्यवसायियों के बीच पूरी तरह पारदर्शिता बनी रहेगी। सरकार का यह सराहनीय कदम है।
अमित सर्राफ
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ऐसे करें शुद्धता की पहचान
-24 कैरेट शुद्ध सोने पर लिखा होगा-999
-22 कैरेट की ज्वेलरी पर लिखा होगा-916
-21 कैरेट सोने की ज्वेलरी पर लिखा होगा-875
-18 कैरेट की ज्वेलरी पर लिखा होगा-750
-14 कैरट ज्वेलरी पर लिखा होगा-585