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चिड़िया मारने के लिए दो पक्षों में घंटों गुरिल्ला युद्ध

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By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 06:44 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:02 AM (IST)
चिड़िया मारने के लिए दो पक्षों में घंटों गुरिल्ला युद्ध
चिड़िया मारने के लिए दो पक्षों में घंटों गुरिल्ला युद्ध

जागरण संवाददाता, सुखपुरा (बलिया) : बसंतपुर में शुक्रवार की रात चिड़िया मारने के विवाद में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। घंटों चले इस गुरिल्ला युद्ध में दोनो पक्षों से लाठी-डंडे व ईंट-पत्थरों की बरसात होती रही। सूचना पर पहुंचे पीआरवी जवानों को भी लोगों ने नहीं बख्शा और उनके वाहन को लक्ष्य कर पत्थरबाजी की गई। डायल 112 वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। पथराव से आधा दर्जन लोग चोटिल हुए हैं।

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कई थानों की पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों पक्षों के नौ लोगों को हिरासत में लेकर थाने चले आई। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस तैनात कर दी गई है। वहीं पीआरवी जवान सुरेन्द्र निषाद की तहरीर पर चार नामजद व 15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

चर्चा है कि राजभर बस्ती के कुछ युवा पिछले कुछ दिनों से सुरहा ताल में चिड़ियों का लगातार शिकार कर रहे थे। इसकी जानकारी जब दूसरे पक्ष के युवकों को हुई तो इसका विरोध किया और शिकार न करने को कहा। बावजूद नहीं माने तो इसकी सूचना वन दारोगा को दे दी। वन दारोगा ने दोनों पक्ष के लोगों को समझा-बुझाकर भविष्य में चिड़ियों का शिकार न करने की हिदायत और मौके पर मिली चिड़ियों का दोनों पक्षों में बांट दिया। शिकायत से खार खाए राजभर बस्ती के युवकों ने अगले दिन शिकायतकर्ता को रोक कर पूछताछ करनी शुरू कर दी।

मौके मिलते ही पीआरवी जवान दूसरे पक्ष के लड़कों को लेकर वहां से निकल गए और सूचना पर पहुंचे सीओ सदर अरुण कुमार सिंह के साथ भी आक्रोशित राजभरों ने बदसलूकी करना शुरू कर दिया। पुलिस की सरपरस्ती में होता है शिकार

सुरहा की वादियों में चिड़ियों का शिकार कोई नई बात नहीं है। आए दिन लोग वहां दुलर्भ प्रजाति के चिड़ियों का शिकार करते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन दरोगा व पुलिस की मिलीभगत से ही यहां यह कार्य धड़ल्ले से चलता है। यहां तक कि इन चिड़ियों को बाजार में बेचा भी जाता है।


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