अस्पताल देने को तैयार, सरकार बनाए कोविड सेंटर
इस कोरोना महामारी में प्रशासन मरीजों को बेहतर सुविधाएं नहीं दे प
जागरण संवाददाता, बलिया : इस कोरोना महामारी में प्रशासन मरीजों को बेहतर सुविधाएं नहीं दे पा रहा है। उनके पास इतने अस्पताल नहीं, जहां पर मरीजों को भर्ती किया जा सका। जिले में अब न बेड रह गए हैं और न ही आक्सीजन। भयावहता बढ़ती जा रही है, ऐसे में जरूरत है सुविधा संपन्न अस्पतालों की। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के गृह क्षेत्र इब्राहिमपट्टी में 30 एकड़ में बने अस्पताल में करीब 150 बेड की व्यवस्था मरीजों को मिल सकती है। बशर्ते सरकार ध्यान दे।
स्व. चंद्रशेखर के पुत्र राज्य सभा सदस्य नीरज शेखर कहते हैं कि यह अस्पताल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है। अभी काम अधूरा है। यहां सुविधाएं विकसित करने के लिए वह लंबे समय से प्रयासरत हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली है। सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। वह तैयार हैं यह अस्पताल प्रशासन को देने के लिए। सरकार चाहे तो यहां कोविड सेंटर बनाकर संक्रमित लोगों का बढि़या इलाज हो सकता है। जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर संवर सकती है व्यवस्था
जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर इब्राहिमपट्टी में बने विशाल भवन में ताला लटका हुआ है। 1952 में समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण ने इसका शिलान्यास किया था। 1980 में निर्माण पूरा हुआ। करोड़ों की लागत से 150 बेड वाले अस्पताल भवन में शुरुआती दिनों में छह माह तक चिकित्सकों ने मरीजों का उपचार भी किया था। भवन की देखरेख पूर्व पीएम के परिवार द्वारा रचना चक्र फाउंडेशन के तहत की जा रही है। शंकराचार्य परिषद ने जताई है चिता
शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने सीएम योगी आदित्यनाथ समेत डीएम व सीएमओ को ज्ञापन भेजकर अस्पताल का संचालन शुरू कराने की मांग की है। कुछ वर्षों पहले एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू ने इब्राहिमपट्टी अस्पताल में सीएचसी स्तरीय अस्पताल का संचालन करने की पहल की थी।
- हम सालों से अस्पताल के संचालन की कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। यहां जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकती हैं, बशर्ते इसे विकसित किया जाना चाहिए लेकिन हम इसके लिए उचित जगह बात रखते रहेंगे।
- नीरज शेखर, राज्य सभा सदस्य हमारे पास बिल्डिग की समस्या नहीं हैं। मैन पॉवर कम हैं। डॉक्टर व दूसरे स्टाफ चाहिए। इसके लिए शासन को डिमांड भी भेजी गई है। वह आ जाएं तो इस अस्पताल के इस्तेमाल के बारे में विचार किया जा सकता है।
- अदिति सिंह, जिलाधिकारी