2100 रुपये में कर दिया चार किलोमीटर लंबे नाले का पट्टा
जागरण संवाददाता, बिल्थरारोड (बलिया) : सीयर ब्लाक के चार ग्राम पंचायत के भूखंड को छूती हुइ
जागरण संवाददाता, बिल्थरारोड (बलिया) : सीयर ब्लाक के चार ग्राम पंचायत के भूखंड को छूती हुई निकली करीब चार किलोमीटर लंबे नाले के पट्टे को लेकर ग्रामपंचायत व ¨सचाई विभाग आमने-सामने हो गए हैं। ग्रामसभा द्वारा जहां उक्त नाला को गड़ही के रूप में मछली पालन व व्यवसाय हेतु पहले ही पट्टा कर दिया गया है, वहीं ¨सचाई विभाग ने भी गौरताल घोसा से तुर्तीपार तक करीब चार किलोमीटर लंबे उक्त नाले को महज 21 सौ रुपये में ही एक वर्ष के लिए पट्टा कर दिया। इसके बाद उक्त नाले से मछली मारने का दावा करते हुए पट्टेदार ने दावा किया तो गांव में खलबली सी मच गई। फिलहाल एसडीएम राधेश्याम पाठक ने ¨सचाई विभाग के जिलादार व अधिकारियों संग ग्रामपंचायत के प्रधानों संग बैठक कर वर्तमान वित्तीय वर्ष तक ग्राम पंचायत के पट्टा को सही दर्शाते हुए ¨सचाई विभाग को अगले वर्ष से नियमानुसार पट्टा करने का निर्देश दिया। इसके बाद फिलहाल तो विवाद टल गया। जबकि मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है और अगले वर्ष से इसे लेकर विवाद और गहराने की आशंका जताई जा रही है। तुर्तीपार प्रधान आलोक ¨सह ने बताया कि गौरीतालघोसा, मुबारकरपुर, मिलकानचक ग्रामपंचायत में उक्त नाला की हिस्सा ग्रामीणों के काश्तकारी में आता है। जबकि तुर्तीपार के सरहद में आने वाला उक्त नाला भूअभिलेखों में ग्राम समाज की संपत्ति है। जिसका हर वर्ष मछली पालन को वार्षिक पट्टा होता रहा है और इस बार करीब 12 हजार में पट्टा हो चुका है। इसी तरह अन्य गांव में भी बतौर गड़ही पट्टा होता रहा है। जबकि ¨सचाई विभाग ने पहली बार इसे विभागीय नाला बताकर महज 21 सौ रुपया में पट्टा कर दिया। जबकि इसकी सूचना ग्रामसमाज को भी नहीं दी गई। जिससे गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई थी।
ग्रामसमाज को बिना सूचना ¨सचाई विभाग नहीं करेगा पट्टा : एसडीएम
बिल्थरारोड एसडीएम राधेश्याम पाठक ने बताया कि ¨सचाई विभाग के जिलादार समेत कई अधिकारियों से वार्ता हो गई है। ¨सचाई विभाग अपने अभिलेख में उक्त चार किलोमीटर लंबे नाला को विभाग का बता रहा है ¨कतु ग्रामसमाज को बिना सूचना इसकी नीलामी करना उचित नहीं है। इसके लिए ¨सचाई विभाग को निर्देशित किया गया है और वर्तमान सत्र में ग्रामसमाज के पट्टा के अनुसार ही मछली की निकासी की जाएगी। इसके लिए दोनों पक्षों में आपसी सहमति भी बन गई है। साथ ही राजस्व अभिलेख भी सुधारा जाएगा।