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Flood in Ballia : पानी के बीच बदहाल लोगों का जीवन, घर डूब जाने के कारण दिन-रात छत पर कर रहे गुजारा

Flood in Ballia बलिया के बेलहरी का प्रबोधपुर गांव। सुबह 11 बज रहे हैं और हम हैं छतीबल राम के घर के पास। घर में पानी घुसा हुआ है। परिवार के 19 सदस्य छत पर रह रहे हैं।

By Lovkush SinghEdited By: Published: Mon, 29 Aug 2022 06:40 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2022 09:32 PM (IST)
Flood in Ballia : पानी के बीच बदहाल लोगों का जीवन, घर डूब जाने के कारण दिन-रात छत पर कर रहे गुजारा
बलिया, प्रबोधपुर गांव में बाढ़ का पानी घर में घुसने के बाद छत पर गुजारा करता छतीबल का परिवार।

जागरण संवाददाता, बलिया : बेलहरी का प्रबोधपुर गांव। सुबह 11 बज रहे हैं और हम हैं छतीबल राम के घर के पास। घर में पानी घुसा हुआ है। परिवार के 19 सदस्य छत पर रह रहे हैं। तेज धूप के बीच तन झुलस रहा है, लेकिन दूसरा कोई रास्ता भी नहीं हैं। इतने परिवार को लेकर कहां जाएं। घर छोड़कर कहीं दूसरे जगह शरण लेंगे तो सभी तरह की व्यवस्था करनी होगी।

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चौकी, खाट व बिछावन.. आदि। इसलिए लोग घर के छत पर अपना डेरा डाले हैं। रात में यदि आसमान में बादलों की जमघट हो रही या बिजली कड़कने लग रही तो बच्चे डर के मारे रोने लग रहे हैं। उन्हें महिलाएं किसी तरह चुप करा रहीं हैं। बाढ़ के पानी ने हर किसी की जिंदगानी को नारकीय बना दिया है। बच्चों की पढ़ाई बाधित है। भोजन पकाने में भी काफी दिक्कतें हो रहीं हैं। शौचालय में पानी घुसने के कारण बांस गाड़कर पानी में ही ऊंचाई पर शौचालय बनाया गया है। कुछ लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। पानी में बह रही गंदगी कई तरह के रोगों को आमंत्रित कर रही है।

परिवार के मुखिया ने बताया कि जिला प्रशासन उन्हीं को सबसे ज्यादा दिक्कत में मान रहा है जो घर छोड़ सड़क पर चले गए हैं, लेकिन घर में जिंदगी कितने कष्ट से गुजर रही है, यह पीड़ा वही समझ सकता है जो इस हालात से गुजर रहा है। घर में पत्नी भुइली देवी, पुत्र सुदामा राम, संजय राम, सुधु, इनकी पत्नी क्रमशः प्रमिला, रीना, सीमा, पांच पौत्र व सात पौत्रियां हैं। परिवार के बड़े सदस्य मजदूरी कर अपना घर चलाते हैं। बाढ़ के कारण आमदनी बंद है। खरीफ की खेती किए थे, वह भी डूब गया है। घर पर जो पशु थे, उन्हें दो सदस्य एनएच-31 के किनारे लेकर रह रहे हैं। पशुओं के लिए चारे की समस्या भी है।

पानी में तैर कर डूबे हुए खेत से चारा लाकर पशुओं का पेट भरा जा रहा है। घर सबसे ज्यादा दिक्कत लाइट की है। बाजारों में भी केरोसिन नहीं मिल रहा है। बैट्री पर लाइट जलती है, लेकिन उसे चार्ज करने की कोई व्यवस्था नहीं है। बाढ़ से परेशानी का यह किस्सा सिर्फ एक परिवार का नहीं, एनएच-एच-31 के दक्षिण दिशा में मुड़ाडीह, रुद्रपुर गायघाट व प्रबोधपुर गांव के लगभग 70 परिवार है। सभी के घरों में इसी तरह से पानी घुसा है और सभी लोग कष्टपूर्ण जीवन जी रहे हैं।


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