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कृषकों को जैविक खेती की तकनीक व मानकों के बारे में प्रशिक्षित करें

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By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 06:01 AM (IST)
कृषकों को जैविक खेती की तकनीक व मानकों के बारे में प्रशिक्षित करें

जागरण संवाददाता, बलिया: नमामि गंगे योजनातर्गत जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग की प्रबंधकीय समिति एवं जनपद स्तरीय शासी समिति की बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी एसपी शाही की अध्यक्षता में हुई बैठक में समूहों का गठन कर नियोजन कार्य की प्रगति पर जोर दिया गया। किसानों को जैविक खेती की तकनीक व मानक के बारे में प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए गए।

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उप निदेशक कृषि इंद्राज ने बताया कि गंगा किनारे स्थित पांच विकास खंड सोहांव, दुबहड़, बेलहरी, बैरिया एवं मुरली छपरा के 41 ग्राम पंचायतों में संचालित की जा रही है। बीस-बीस हेक्टेयर के 60 कृषक समूहों का गठन करते हुए 12 सौ हेक्टेयर क्षेत्र का नियोजन कार्य प्रगति पर है। अब तक 39 समूहों का गठन कर पोर्टल पर विवरण अपलोड किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने नियोजन के लिए नामित सपोर्टिंग एजेंसी एएफसी इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधि डॉ. वीके सिंह को निर्देश दिया कि नियोजन की गति बढ़ाते हुए अवशेष 21 समूहों के गठन की कार्यवाही 20 जुलाई तक पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।

डीएम ने कहा कि समूह के कृषकों के आवश्यक अभिलेख पूर्ण कराते हुए समूहों का विवरण पोर्टल पर अपलोड भी कराएं। जैविक खेती के लिए नियोजित क्षेत्र में क्रॉप प्लान के अनुसार कृषकों को जैविक खेती की तकनीकी जानकारी एवं मानकों के संबंध में प्रशिक्षित किया जाए। योजना में एक कृषक को अधिकतम 02 हेक्टेयर क्षेत्रफल तक अनुदान अनुमन्य है।

योजना की गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक पांच समूह पर एक-एक लीड सोर्स परसन एलआरपी का चयन सपोर्ट एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। चयनित लीड रिसोर्स पर्सन के द्वारा पांचों समूह के कृषकों की बैठक कराते हुए योजना से जुड़ी जानकारी प्रदान की जाएगी और उसे अपनाने को प्रेरित किया जाएगा। जैविक खेती योजना के क्रियान्वयन से पयार्वरण सुधार के साथ-साथ गंगा नदी के प्रदूषण में कमी आएगी। बैठक में सीडीओ बद्रीनाथ सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी संतोष यादव, डीपीआरओ शशिकांत पशुपालन, गन्ना विभाग व कृषि से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।


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