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झमाझम बारिश से धरती तृप्त, किसानों के चेहरे खिले

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By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 05:41 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 05:41 PM (IST)
झमाझम बारिश से धरती तृप्त, किसानों के चेहरे खिले

जागरण संवाददाता, बलिया : गुरुवार की आधी रात के बाद शुरू हुई बारिश से धरती की तपिश नरम हो गई। अनवरत हुई बरसात से खेतों में पानी लग गया। वहीं अन्नदाताओं के चेहरे खिल गए। भारी बारिश ने नगर में पानी निकासी की व्यवस्था की कलई खोल दी।

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इधर बीच गर्मी व उमस से हर कोई बेचैन हो गया था। गुरुवार की देर शाम से ही आसमान में बादल छाने लगे थे। आधी रात के बाद कभी तेज तो कभी रिमझिम बरसात का दौर शुरू हो गया। शुक्रवार को पूरे दिन रूक-रूककर बारिश होती रही। इस बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। वहीं बारिश को देखकर किसानों के चेहरे खिल गए। कई दिनों से लगातार गर्मी व उमस झेल रहे लोगों के तन-मन को शांति मिल गई। हालांकि कई क्षेत्रों में पेड़ विद्युत तारों के गिरने से बिजली की सप्लाई बाधित रही। सरकारी आवासों का परिसर पानी-पानी

बरसात से नगर के कई सरकारी आवासों के कैंपसों में नारकीय हालत हो गए। नलकूप विभाग, जल निगम, बाढ़ खंड, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, स्टेशन रोड, एससी कालेज आदि स्थानों पर तो घुटने से भी अधिक पानी हो गए थे। जो जहां था वहीं पानी निकलने का इंतजार घंटों तक करता रहा। कजीपुरा, आनंद नगर, हरपुर, मिड्ढी, गुदरी बाजार, चमन सिंह बाग रोड, गड़हा मोहल्ले आदि में घरों में भी पानी घूस गया। इसको लेकर लोग काफी परेशान दिखे। बारिश के कारण दिन के अधिकतम तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। पारा गिर कर 31 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। उधर, कृषि विभाग के अनुसार 15 जून से मानसून भी सक्रिय हो जाएगा। इस बार बारिश अच्छी होने की संभावना भी जताई जा रही है। बारिश ने नगर की सफाई व्यवस्था की पोल ही खोल कर रख दी है। नगर के दर्जनों स्थानों पर कूड़ा बजबजा रहा है। इससे लोगों का आना-जाना भी मुश्किल है।

ओवर ब्रिज की सड़क धंसी, खतरा

अनवरत बारिश के बीच ओवर ब्रिज की सड़क धंस गई। इससे आने-जाने वाले वाहनों के लिए खतरा बन गया है। आधी रात के बाद शुरू हुई बरसात में ओवर ब्रिज से जगदीशपुर की तरफ उतरने वाला एप्रोच धंस गया। यह पहले भी एक बार धंस गया था। इसका निर्माण मजबूती से न करने के कारण फिर सड़क धंस गई है। लोगों का आरोप है कि मानक के अनुरूप कार्य न होने के कारण इस तरह की समस्या आ रही है । किसानों को होगा फायदा

मौसम विज्ञानी इस निसर्ग तूफान का असर मान रहे हैं तो कोई प्री-मानसून बता रहा है लेकिन किसान रोहिणी नक्षत्र में हुई इस बारिश को खेती के लिए काफी फायदेमंद मान रहे हैं। वजह की इस बारिश से खरीफ की बोआई के लिए खेतों को तैयार करना आसान हो जाएगा। खेती किसानी से जुड़े लोग घाघ की कहावत 'रोहिणी बरसे, मृग तवे, कुछ-कुछ आद्रा जाए, कहे घाघ सुन घाघरी स्वान भात नहीं खाये' को याद कर काफी उत्साहित भी हैं। किसानों के अनुसार पिछले 25 मई से रोहिणी नक्षत्र चल रही है।


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