ओडीएफ गांवों से निकल रही झूठे आंकड़ों की बदबू
जागरण संवाददाता, बलिया : पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ जिले के पंचायती राज विभ
जागरण संवाददाता, बलिया : पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ जिले के पंचायती राज विभाग के अधिकारी विश्वासघात कर रहे हैं। जिन गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है, उसकी जमीनी सच्चाई चौंकाने वाली है। ऐसे गांवों में भी कई घर ऐसे मिल जाएंगे, जहां शौचालय या तो है ही नहीं या अभी निर्माणाधीन है। उन गांवों की सड़कें भी यह बताने की काफी है कि गांव की कुछ आबादी शौच के लिए सड़कों पर ही निर्भर है। चूंकि खेतों में वर्तमान में फसलें लगी है, लिहाजा दुर्गन्ध भरी सड़कों की बदहाली सबकुछ स्पष्ट कर देती है। कुल मिलाकर इसी दो अक्टूबर तक समूचे जिले को खुले में शौचमुक्त बनाने का सपना हाल फिलहाल पूरा होता नहीं दिख रहा है।
जहां पहले का लक्ष्य पूरा नहीं, वहां फिर भेज दिए सैकड़ों शौचालय
ओडीएफ गांवों को बनाने के लिए गांवों में अभी भी शौचालय आवंटन व धनराशि भेजने का सिलसिला जारी है। वजह कि 2 अक्टूबर तक पूरे जिले को ओडीएफ करने का दबाव है। ऐसे में शौचालय आवंटन में खूब मलाई काटने की बात सामने आ रही है। एकाध मामलों को देखने से तो यही लगा कि जो गांव अभी महीनों पहले मिले शौचालय को नहीं बना सके हैं, उन्हीं को फिर से शौचालय आवंटित कर दिया गया। वहीं जिन गांवों में निर्माण पूरा है उन गांवों में और मांग करने के बावजूद शौचालय दिए ही नहीं गए। ऐसे में सवाल है कि अभी पिछला लक्ष्य पूरा नहीं करने वाले गांव के जिम्मेदार इतने कम समय में सभी शौचालय कैसे बना सकते हैं। खैर, जिले पर बैठे पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को इससे क्या लेना देना है। 2 अक्टूबर आते आते सभी गांवों में ओडीएफ दिखा देंगे।
बेकार साबित हो रहे आधे अधूरे बने शौचालय
जासं, मझौवां : ग्राम पंचायत बेलहरी के पूरवा धर्मपुरा में नन्हक राम का शौचालय बनकर तैयार है ¨कतु टंकी पर ढक्कन व छत नहीं डाला गया है। इस कारण शौचालय का प्रयोग नहीं होता है। वहीं हीरालाल निवासी धर्मपुरा का शौचालय बनकर तैयार है ¨कतु टंकी में पाइप नहीं जोड़े जाने से बंद है। शुक्ल छपरा गांव में मात्र तीन घर दक्षिण तरफ है, वहां शौचालय का निर्माण निजी लोगों द्वारा पहले से ही किया जा चुका है। धर्मपुरा के लोगों ने बताया कि अभी कई पात्र शौचालय निर्माण से वंचित हैं। इस संदर्भ में प्रधान प्रतिनिधि अनिल ¨सह का कहना है कि 2085 शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कुछ बचे पात्रों का भी चयन करके भेजा गया है। जिनका शौचालय अधूरा है, उसे पूरा करने के लिए कागजी कार्यवाही कर दी गई है। विकास खंड के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि शौचालयों का निर्माण तो हो रहा है ¨कतु कई जगह मानक व गुणवत्ता का पालन नहीं हो रहा है।