कहीं कमीशन के खेल में तो औषधि केंद्र की दवा नहीं लिखते डाक्टर
जागरण संवाददाता, बलिया : सरकार ने भले ही सभी जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री जन औषधि के
जागरण संवाददाता, बलिया : सरकार ने भले ही सभी जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की स्थापना की है, इस सोच के साथ कि इससे गरीब वर्ग के मरीजों को 80 प्रतिशत सस्ते दरों पर महत्वपूर्ण दवाएं अस्पताल के इस केंद्र पर मिल जाएंगी ¨कतु यहां जिला अस्पताल में ऐसा नहीं हैं। यहां के डाक्टर हैं कि इस जन औषधि केंद्र की दवा ही नहीं लिखते। यहां स्थापित जन औषधि केंद्र पर लगभग 250 तरह की दवा उपलब्ध हैं। चिकित्सक मरीजों को जेनरिक दवाएं न लिख कर ऐसी दवा लिख रहे हैं जो इस जन औषधि केंद्र पर नहीं मिल रहा है। कहीं यह कमीशन का खेल तो नहीं है। इस बात की चर्चा भी जिला अस्पताल में खुले तौर पर हो रही है। वजह कि अस्पताल में हमेशा बाहर की दवा लिखने पर डाक्टर इसलिए जोर देते हैं कि इसके एवज में उन्हें गोपनीय रूप से कमीशन या उपहार मिल जाते हैं। इस बात को लेकर आए दिन मरीजों और डाक्टरों में बवाल भी होते रहते हैं।
प्रमुख सचिव के पत्र का भी नहीं कोई प्रभाव
इस बात की शिकायत मिलने पर प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने पिछल सप्ताह एक पत्र जारी कर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि जहां भी प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र खुल गए है वहां जेनरिक दवाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं। जेनरिक दवाओं की कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में बहुत ही कम भी है। इनकी गुणवत्ता भी बहुत अच्छी है। इसलिए सरकारी अस्पतालों में तैनात सभी चिकित्सक जरूरत पड़ने पर जेनरिक दवाएं लिखें जिससे आम लोगों को सस्ते रेट पर दवा उपलब्ध हो सके। उन दवाओं को जेनरिक नाम से लिखा जाए और मरीजों को अस्पताल स्थित जन औषधि केन्द्र पर से दवा खरीदने का सलाह भी दी जाए। इसके बावजूद भी इस ओर लापरवाही बेहिसाब है।