आगजनी की घटनाओं पर नहीं लग रहा विराम
जागरण संवाददाता, बलिया : आगजनी की घटनाओं में हमेशा नुकसान ही होता है। हादसों के बाद ल
जागरण संवाददाता, बलिया : आगजनी की घटनाओं में हमेशा नुकसान ही होता है। हादसों के बाद लोग पूरी तरह से बेकाबू हो जा रहे हैं। इससे इस तरह की घटनाएं हो जा रही हैं, जो किसी भी स्तर पर अच्छी नहीं हैं। अपराध की ²ष्टि से हमेशा शांत रहने वाले इस जनपद में इस वक्त किसी तरह की घटना होने के बाद आगजनी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। यह पुलिस के लिए जहां चुनौती है वहीं सामाजिक ²ष्टि से भी घातक होता जा रहा है। बलिया में बीते साल के अंतिम माह में आगजनी की घटनाएं अत्यधिक हुईं। वहीं इस साल की शुरुआत में ही बांसडीहरोड में सड़क हादसे में बालक की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने स्काíपयो को आग के हवाले कर दिया। यहां तक दो घंटे तक इस मार्ग पर आवागमन भी पूरी तरह से ठप रहा। इस दौरान पुलिस भी असहाय बनी रही। इसी तरह से पिछले साल मोर्हरम के दिन सिकंदरपुर में बवाल के बाद ऐसी आगजनी की घटनाएं हुईं जिन्हें वर्षों तक नहीं भुलाया जा सकता है।
केस-एक
पिछले साल एक अक्टूबर को मोर्हरम के दिन सिकंदरपुर कस्बे में दो पक्षों के विवाद के बाद बवाल हो गया। इसमें हुई आगजनी की घटनाओं में दुकानों व वाहनों में आग लगा दी गई। इसमें दोनों पक्षों से करोड़ों का नुकसान हुआ। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को माहौल को शांत करने में एक पखवारा का समय लग गया। सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि इसमें दोनों पक्षों में पड़ी दरार को भरने में कई साल लग जाएंगे।
केस-दो
13 अक्टूबर को रतसर में दो बच्चों के बीच हुई मारपीट में एक पक्ष ने आक्रोशित होकर आगजनी की घटना को अंजाम दे दिया। एक पक्ष की दुकानों में आग लगाने के साथ ही तोड़फोड़ की गई। फायर ब्रिगेड के जवानों के घंटों प्रयास के बाद आग शांत हुई। इसमें इन दुकानों में रखा लाखों का सामान खाक हो गया। हमेशा शांत रहने वाला रतसर बाजार तीन दिनों तक तनाव में रहा।
केस-तीन
15 अक्टूबर को देवकली मोड़ पर सड़क हादसे के बाद भाग रहे यूपी-100 वाहन को बहादुरपुर गांव के सामने आक्रोशित जनता ने आग के हवाले कर दिया। इससे पूरी गाड़ी खाक हो में मिल गई। इस सरकारी गाड़ी के जलने से दस लाख से अधिक का नुकसान हुआ। इसमें सवार जवानों ने भागकर किसी तरह से अपनी जान बचाई थी।
केस-चार
तीन दिसंबर को बांसडीह रोड थाना क्षेत्र के ढोढौली गांव के सामने ट्रैक्टर की चपेट में आने से किशोर ¨प्रस की दर्दनाक मौत के बाद लोगों ने वाहन में आग लगा दी थी। एडिशनल एसपी ने मौके पर पहुंच कर किसी तरह से मामले को शांत किया था। इसमें उसी गांव के रहने वाले चालक व उसके परिवार के सदस्य भाग खड़े हुए थे।
केस-पांच
वर्ष-2018 की शुरुआत में ही चार जनवरी को छाता चट्टी पर सड़क हादसे में बालक की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने स्काíपयो को आग के हवाले कर दिया। इससे वह धू-धू कर जल उठी। इस घटना के बाद चालक संग उसमें सवार लोग किसी तरह भाग निकलने में सफल हो गए थे।